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Pollution and Protest: दिल्ली में खराब हवा को लेकर प्रदर्शन; जानिए कैसा है MP की हवा का हाल, कहां साफ व खराब

Air Quality Index: विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में बदलाव, औद्योगिक उत्सर्जन, वाहन प्रदूषण और निर्माण कार्य वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं. अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों के नागरिकों को स्वास्थ्य सावधानियाँ बरतने की सलाह दी गई है. मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए पर्यावरण विभाग ने निगरानी बढ़ाने और आवश्यक नियंत्रण उपायों पर जोर देने की आवश्यकता बताई है.

Pollution and Protest: दिल्ली में खराब हवा को लेकर प्रदर्शन; जानिए कैसा है MP की हवा का हाल, कहां साफ व खराब
Air Quality Index: दिल्ली में खराब हवा को लेकर प्रदर्शन; जानिए कैसा MP की हवा का हाल, कहां साफ व खराब

Air Quality Index: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण (Delhi Air Pollution) को लेकर जिम्मेदारों के खिलाफ विभिन्न संस्थाओं ने विरोध प्रदर्शन का किया. इस दौरान प्रदर्शनकारी अपने हाथों में बैनर पोस्ट लिए नारेबाजी करते हुए दिखाई दिए. कुछ प्रदर्शनकारी अपने गले में पानी की बोतल टांगे हुए थे, वहीं कुछ ऑक्सीजन टैंक लेकर खड़े हुए दिखाई दिए. प्रदर्शनकारियों ने अपने पोस्ट में भी साफ हवा साफ पानी का नारा लिखा हुआ था, जिसके साथ उन्होंने लिखा कि अपना साफ पानी और साफ हवा खुद लेकर चलें. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया की सरकार दिल्ली के प्रदूषण को कम करने में और यमुना की सफाई करने में विफल रही है.

अब जानिए मध्य प्रदेश की हवा कैसी है?

मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) द्वारा जारी 24 घंटे के एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के अनुसार (17 नवम्बर शाम 6 बजे से 18 नवम्बर शाम 6 बजे तक), प्रदेश में वायु गुणवत्ता को लेकर चिंताजनक स्थिति सामने आई है. कई औद्योगिक और शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी तक पहुँच गया है, जबकि कुछ स्थानों पर हवा अब भी अपेक्षाकृत साफ बनी हुई है.

रिपोर्ट के मुताबिक 17 नवंबर को मंडीदीप के सेक्टर न्यू इंडस्ट्रियल एरिया का AQI 345 दर्ज हुआ, जो "वेरी पुअर" श्रेणी में आता है. यह पूरे प्रदेश में सबसे अधिक प्रदूषण वाला क्षेत्र रहा. इसी तरह जबलपुर के मरहटल में AQI 316 और सिंगरौली के ट्रॉमा सेंटर बैढन से 319 AQI रिकॉर्ड किया गया, दोनों ही स्थान “वेरी पुअर” श्रेणी में रहे. औद्योगिक गतिविधियों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में PM2.5 स्तर सामान्य से काफी अधिक पाया गया.

राजधानी भोपाल में भी स्थिति संतोषजनक नहीं रही. टीटी नगर का AQI 307 “वेरी पुअर” श्रेणी में दर्ज हुआ, जबकि पर्यावरण परिसर (पार्यावरण परिसर) का AQI 222 “पुअर” श्रेणी में रहा. ग्वालियर के महाराज बाड़ा, डीडी नगर और सिटी सेंटर क्षेत्रों में भी हवा “पुअर” दर्ज की गई.

विशेषज्ञों का कहना है कि मौसम में बदलाव, औद्योगिक उत्सर्जन, वाहन प्रदूषण और निर्माण कार्य वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं. अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों के नागरिकों को स्वास्थ्य सावधानियाँ बरतने की सलाह दी गई है. मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए पर्यावरण विभाग ने निगरानी बढ़ाने और आवश्यक नियंत्रण उपायों पर जोर देने की आवश्यकता बताई है.

यहां रही सबसे साफ हवा

वहीं मध्य प्रदेश के कुछ स्थानों पर हवा की गुणवत्ता बेहतर पाई गई. खरगोन नगर पालिका क्षेत्र का AQI सिर्फ 38 दर्ज हुआ, जो “गुड” श्रेणी में आता है और यह प्रदेश में सबसे साफ हवा वाला स्थान रहा. दमोह (AQI 54), इंदौर के पोलोग्राउंड (AQI 68) और रीजनल पार्क इंदौर (AQI 81) में हवा “सैटिस्फैक्ट्री” श्रेणी में रही.

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