Morena News: मुरैना में हथियारबंद हमलावरों द्वारा ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर आरक्षक को घायल करने वाले 20 अपराधियों के दोनों मास्टरमाइंड पुलिस की मुठभेड़ से भयभीत होकर न्यायालय की शरण में पहुंचे. पुलिस ने न्यायालय में अपराध की विवेचना प्रस्तुत नहीं किये जाने से न्यायाधीश द्वारा दोनों अपराधियों के वकील को कहा कि जैसे आये हो वैसे ही चले जाओ. जज ने वकील द्वारा प्रस्तुत आत्मसमर्पण का आवेदन खारिज कर दिया. इसी इंतजार में न्यायालय के बाहर खड़ी पुलिस ने हद्दू व अंकुश को दबोच लिया. मुठभेड़ के भय से दोनों लगभग साढ़े सात घंटे तक न्यायालय में ही बैठे रहे.
ग्वालियर पुलिस को थी तलाश
इन दोनों अपराधियों की तलाश ग्वालियर महाराजपुरा थाना पुलिस को थी. आरोपियों ने मुरैना जिला के रिठौरा थाना क्षेत्र के करिगमा गांव निवासी श्याम गुर्जर पर दो दिसंबर को ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर जान से मारने का प्रयास किया था. इस घटना को ग्वालियर के महाराजपुर थाना क्षेत्र में अंजाम दिया गया था.
बीते बुधवार तीन दिसंबर को महाराजपुरा थाने का पुलिस दल इन आरोपितों को पकड़ने के लिए सूचना स्थल पर पहुंच गई. यहां पर महाराजपुरा थाने के एसआई रणवीर सिंह नरवरिया, आरक्षक रुस्तम सिंह गुर्जर, अमित गुर्जर, अनिल तोमर, शिवराम और अमित बैरागी ने अंकुश गुर्जर को दबोच लिया था. इसी दौरान दूसरे आरोपित हद्दू गुर्जर के साथ 15-20 लोगों की भीड़ ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हमला कर दिया.
चारों तरफ से घिरी पुलिस के आरक्षक अनिल तोमर के पैर में गोली लग गई. इस मामले में मुरैना के थाना सिविल लाइन पुलिस ने जनकपुर गांव निवासी सौरभ उर्फ हद्दू गुर्जर, गौरव गुर्जर, परीक्षित गुर्जर, श्यामवीर सिंह गुर्जर, मोनू पुत्र अतर सिंह, करूआ पुत्र अतर सिंह गुर्जर, करूआ पुत्र बटूरी गुर्जर, रवि पुत्र मंगेलाल गुर्जर, रामबृज पुत्र लज्जाराम गुर्जर, पूरन पुत्र लज्जाराम गुर्जर, हरेन्द्र पुत्र डाल सिंह गुर्जर और रिठौरा थाना क्षेत्र के अंगदपुरा निवासी अंकुश गुर्जर के अलावा तीन-चार अज्ञातों पर घातक हथियारों के साथ दंगा करने, शासकीय कार्य में बाधा, हमला करने, वैध गिरफ्तारी में बाधा डालने और हत्या के प्रयास जैसी कुल आठ धाराओं में मामला दर्ज किया था.
उसी समय से सभी आरोपियों की तलाश पुलिस द्वारा की जा रही थी. विशेषकर पुलिस को हद्दू तथा अंकुश की तलाश थी. ग्वालियर-मुरैना पुलिस की गतिविधियों को देखकर दोनों बदमाश भयभीत हो गए. जान बचाने के लिए न्यायालय की शरण में पहुंचे हद्दू उर्फ सौरभ पुत्र परीक्षत गुर्जर निवासी जनकपुर और अंकुश गुर्जर निवासी रिठौरा अंगदपुरा विगत दिवस सुबह 11 बजे मुरैना जिला न्यायालय के जेएमएफसी अमोल सांघी के कोर्ट में सरेंडर होने पहुंच गए.
आरोपितों के वकील हरस्वरूप माहेश्वरी ने कोर्ट में आवेदन दिया, जिसमें कहा गया कि हद्दू गुर्जर व अंकुश गुर्जर का पुलिस एनकाउंटर करना चाहती है, इसलिए यह दोनों कोर्ट में सरेंडर होना चाहते हैं. दोनों आरोपित सरेंडर होने के लिए सुबह 11 से शाम साढ़े छह बजे तक कोर्ट में बैठे रहे, लेकिन न्यायालय में इस मामले की कोई केस डायरी ही नहीं थी. बिना केस डायरी के कोर्ट ने भी सरेंडर कर पुलिस को सौंपने या फिर जेल भेजने से इंकार कर दिया.
कोर्ट ने खारिज किया आवेदन
शाम साढ़े छह बजे के करीब न्यायाधीश ने वकील माहेश्वरी के आवेदन को खारिज करते हुए दोनों आरोपितों से कह दिया कि, केस डायरी आने तक कुछ नहीं हो सकता, इसलिए जैसे आए हो वैसे जाओ. इसके कुछ देर बाद आरोपित हद्दू व अंकुश चोरी-छिपे उसी तरह कोर्ट से निकले, जैसे सरेंडर होने आए थे, लेकिन पहले से तैयार बैठी पुलिस टीम ने दोनों को कोर्ट के बाहर निकलते ही दबोच लिया. मुरैना पुलिस द्वारा इन बदमाशों का रिमांड लिए जाने की संभावना है, क्योंकि थाना सरायछोला क्षेत्र के जनकपुर सिद्धपुरा में जिस घटना को आरोपियों ने अंजाम दिया था उसमें अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी तथा हथियारों की जप्ती करना पुलिस की प्राथमिकता है.
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