Satna Smart City: बीजेपी (BJP MP) सांसद गणेश सिंह ने सोमवार को लोकसभा (Lok Sabha) में नियम 377 के तहत सतना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Satna Smart City Project) में निर्माण कार्यों की गंभीर अनियमितताओं का मुद्दा उठाया. उन्होंने केंद्रीय मंत्री का ध्यान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी ‘स्मार्ट सिटी मिशन' योजना की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि इस योजना के तहत सतना में अब तक हुए कार्यों में गुणवत्ता की कमी, धन के दुरुपयोग की आशंकाएं और जनता को हो रही असुविधाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है. सांसद ने तत्काल जांच और स्वतंत्र ऑडिट की मांग की है, ताकि जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो सके और शहरवासी वास्तविक लाभान्वित हो सकें.
स्मार्ट सिटी योजना का उद्देश्य और सतना की स्थिति
सांसद श्री सिंंह ने सदन में कहा कि प्रधानमंत्री स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देश के 100 शहरों को आधुनिक और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से लैस करने का लक्ष्य रखा गया था. मध्य प्रदेश से इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर और सतना सहित सात शहरों को इस योजना में शामिल किया गया. सतना को भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया गया, जिसके अंतर्गत सडक़ निर्माण, जल निकासी, पार्किंग और अन्य विकास कार्यों पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए. हालांकि, सांसद गणेश सिंह ने सदन में कहा कि इन कार्यों में कई अनियमितताएं सामने आई हैं. कार्यों की गुणवत्ता निम्न स्तर की होने से सतना की जनता को निरंतर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने जोर देकर कहा, अब तक की प्रगति से अपेक्षित राहत नहीं मिली है, बल्कि धन का दुरुपयोग हो रहा है, जो योजना के मूल उद्देश्य के विरुद्ध है.
सड़क निर्माण का उदाहरण, 24 घंटे में ही उखड़ गई डामर की सड़कें
सांसद ने हाल ही में सतना स्मार्ट सिटी के तहत कराए गए सडक़ निर्माण कार्य का विशेष उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि नई बनी डामर सडक़ें मात्र 24 घंटे के भीतर ही उखडऩे लगीं, जिससे यातायात बाधित हो गया और शहरवासियों को जोखिम का सामना करना पड़ा. आए दिन स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं. यह न केवल संसाधनों की बर्बादी है, बल्कि जनता की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहा है,श्री सिंह ने सदन में कहा कि इन घटनाओं को योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही का प्रमाण बताते हुए तत्काल सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया जाना चाहिए.
जांच और ऑडिट की मांग
लोकसभा में अपनी बात रखते हुए सांसद गणेश सिंह ने स्पष्ट मांग की कि सतना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत किए गए सभी निर्माण कार्यों की विस्तृत समीक्षा बैठक तत्काल आयोजित की जाए. इसके अलावा, एक स्वतंत्र थर्ड पार्टी एजेंसी से पूरे प्रोजेक्ट का व्यापक ऑडिट कराया जाए, ताकि अनियमितताओं का पता लग सके और जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदारों की जवाबदेही तय हो सके. इससे न केवल योजना की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि सतना की जनता को वास्तविक लाभ भी मिलेगा. सांसद ने कहा केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. सदन में गणेश सिंह ने यह भी कहा कि सतना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, जो 2015 में शुरू हुआ था, अब तक 50 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा होने का दावा करता है, लेकिन स्थानीय निवासियों की शिकायतें बढ़ती जा रही हैं. सांसद ने इसकी विस्तार जाांच और आडिट जल्द कराने की मांंग सदन में रखी है.
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