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Blackbuck Poaching: सागर में काले हिरण शिकार कांड में बड़ा अपडेट; आरोपी रिमांड पर, वन विभाग व STF करेगा पूछताछ

Blackbuck Poaching Case Sagar: जांच टीम अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह नेटवर्क कितना बड़ा है, और क्या इसके पीछे कोई संगठित गिरोह शामिल है. आरोपियों के भोपाल स्थित क्लीनिक के साथ अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की तैयारी की जा रही है.

Blackbuck Poaching: सागर में काले हिरण शिकार कांड में बड़ा अपडेट; आरोपी रिमांड पर, वन विभाग व STF करेगा पूछताछ
Blackbuck Poaching: सागर में काले हिरण शिकार कांड में बड़ा अपडेट; आरोपी रिमांड पर, वन विभाग व STF करेगा पूछताछ

Blackbuck Poaching Case Sagar: सागर (Sagar) जिले में सामने आए काले हिरण शिकार मामले (Blackbuck Poaching Case) में जांच ने अब तेजी पकड़ ली है. कोर्ट ने मुख्य आरोपी डॉक्टर वसीम खान और उसके साथियों को 4 दिन की फॉरेस्ट रिमांड पर भेज दिया है. रिमांड के दौरान वन विभाग (Forest Department) और STF की संयुक्त टीम आरोपियों से विस्तृत पूछताछ करेगी, जिसमें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act) के गंभीर उल्लंघन के साथ-साथ अवैध वन्यजीव व्यापार की संभावनाओं की भी जांच की जाएगी.

डॉक्यूमेंट्स की भी होगी पड़ताल

जांच एजेंसियों के अनुसार, आरोपियों के मोबाइल फोन, लैपटॉप, बैंक खातों और पैसों के लेनदेन से जुड़े दस्तावेज खंगाले जाएंगे. साथ ही घटना के दिन आरोपी किन-किन लोगों से संपर्क में थे, किससे बातचीत हुई और उनके बीच क्या लेन-देन या योजना बनी, इसकी भी जांच की जाएगी.

ट्रेनी IFS अधिकारी जयप्रकाश ने बताया कि इस मामले को सिर्फ शिकार की घटना मानकर नहीं बल्कि वन्यजीव व्यापार (Wildlife Trade) से जोड़कर भी जांच की जा रही है. प्रारंभिक पूछताछ में यह संकेत मिले हैं कि आरोपी यह अवैध गतिविधि लंबे समय से कर रहे थे और काले हिरण का मांस मुंबई के एक होटल में सप्लाई किया जाता था.

जांच टीम अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह नेटवर्क कितना बड़ा है, और क्या इसके पीछे कोई संगठित गिरोह शामिल है. आरोपियों के भोपाल स्थित क्लीनिक के साथ अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की तैयारी की जा रही है.

सूत्रों के अनुसार, यह भी जांच का विषय है कि कितनी बार शिकार किया गया और क्या इससे पहले भी प्रदेश के अन्य वन क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं हुई हैं. टीम इस बात को भी ट्रैक कर रही है कि क्या आरोपियों के विदेश में भी किसी से संपर्क या अवैध सप्लाई चैन जुड़ा हुआ है.

वन विभाग का मानना है कि रिमांड की अवधि इस मामले में अहम साबित होगी और कई बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं. इस कार्रवाई से वन्यजीव संरक्षण से जुड़े संगठनों और जागरूक नागरिकों में राहत की भावना देखने को मिली है. फिलहाल, जांच एजेंसियां आरोपियों के बयान, डिजिटल सुबूत और नेटवर्क की जांच में जुटी हुई हैं. आने वाले दिनों में इस मामले में और महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है.

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