विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Sep 12, 2023

सतना : 15 महिलाओं के जेल जाने से भूखे हैं सैकड़ों बच्चे, स्कूलों में 25 दिनों से नहीं बंटा मिड-डे मील

स्कूल में मिड-डे मील न मिलने से सभी बच्चे भूखे पेट ही पढ़ाई करने को मजबूर रहते हैं. स्कूल में मिड-डे मील नहीं मिलने को लेकर स्कूल शिक्षक रामाऔतार रावत ने बताया कि हेडमास्टर ने बीआरसी को अवगत कराया है.

Read Time: 4 min
सतना : 15 महिलाओं के जेल जाने से भूखे हैं सैकड़ों बच्चे, स्कूलों में 25 दिनों से नहीं बंटा मिड-डे मील
सतना के स्कूलों में नहीं बंट रहा मिड-डे मील

सतना : जिले के सभी स्कूलों में बच्चों को दोपहर का भोजन दिए जाने के निर्देश हैं, लेकिन कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जिनकी भोजन व्यवस्था की ओर किसी भी जिम्मेदार का ध्यान नहीं है. मामला रामनगर विकासखंड के सुलखमां प्राथमिक विद्यालय का है. यह पढ़ने वाले छात्रों को पिछले 25 दिनों से मिड-डे मील नहीं मिला है. बेबसी में छात्रों को भोजन अवकाश के वक्त अपने घर जाना पड़ रहा है. यह स्थिति इसलिए है क्योंकि विद्यालय में भोजन व्यवस्था सुनिश्चित करने का जिम्मा जिस महिला स्व सहायता समूह को दिया गया था, उसकी अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों के खिलाफ गबन का मुकदमा दर्ज हुआ था. सभी सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. ऐसे में बीते 16 अगस्त से बच्चों को मिड-डे मील नसीब नहीं हो रहा है.

बताया जाता है कि ग्राम पंचायत सुलखमां में दो प्राथमिक विद्यालय हैं, जिसमें से एक प्राथमिक शाला गडरिहान और दूसरा कोलान है. दोनों स्कूलों में लगभग 100 छात्र पढ़ते हैं. दोनों स्कूलों में मिड-डे मील का जिम्मा लक्ष्मी स्व सहायता समूह को दिया गया. लेकिन सभी सदस्यों के खिलाफ रामनगर थाना पुलिस ने 17 अगस्त को प्रकरण दर्ज कर जेल भेज दिया. जेल जाने वाली महिलाओं में लक्ष्मी स्व सहायता समूह सुलखमा की आशा यादव (समूह अध्यक्ष), सुश्री कोमल गुप्ता,  फुलझरिया, ममता, चंदाबाई, अनीता, गुड्डी, मुरतिया, कलाबती, बबली अनुसुइया, दुआसिया, फुद्दन और फूलबाई सहित अन्य के खिलाफ धारा 409, 420 ,468, 467, 471 का मुकदमा पंजीबद्ध किया गया था.

सतना के स्कूलों में नहीं बंट रहा मिड-डे मील

सतना के स्कूलों में नहीं बंट रहा मिड-डे मील

यह भी पढ़ें : सतना के एक गांव के पांच हैंडपंप सील, तीन दिनों में चार की मौत, छह अस्पताल में भर्ती

पत्र लिखने के बाद भी नहीं बदली स्थिति
प्राथमिक विद्यालय गडरियान टोला और कोलान बस्ती के हेडमास्टर की ओर से बच्चों की भोजन व्यवस्था का सुचारू ढंग से संचालन करने के लिए बीआरसी रामनगर को पत्र लिखा गया. इसके बाद भी बीआरसी ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया. यही नहीं रामनगर जनपद पंचायत के एमडीएम प्रभारी भी इस प्रकरण से भली-भांति अवगत होने के बावजूद कोई निर्णय नहीं ले सके. दोनों स्कूलों में पढ़ने आने वाले छात्रों की एक ही कहानी है. सभी बच्चों के माता-पिता मेहनत मजदूरी पर निर्भर हैं. ऐसे में वे अपने बच्चों को सुबह का भोजन देकर काम करने के लिए खेतों या गांव से दूर चले जाते हैं. ऐसे में कई घरों में दोपहर का भोजन नहीं बनता.

यह भी पढ़ें : मैहर में असामाजिक तत्वों ने तोड़ दी बाबा अम्बेडकर की मूर्ति, ग्रामीणों में आक्रोश.... जांच में जुटी पुलिस

बीआरसी को दी जा चुकी सूचना
स्कूल में मिड-डे मील न मिलने से सभी बच्चे भूखे पेट ही पढ़ाई करने को मजबूर रहते हैं. स्कूल में मिड-डे मील नहीं मिलने को लेकर स्कूल शिक्षक रामाऔतार रावत ने बताया कि हेडमास्टर ने बीआरसी को अवगत कराया है. इसके बाद भी कोई व्यवस्था नहीं की गई. वहीं जब जिला पंचायत के जिला कार्यक्रम अधिकारी आशीष द्विवेदी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में जानकारी नहीं थी. बुधवार को ही वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
NDTV Madhya Pradesh Chhattisgarh
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close