DAVV Paper Leak Issue: एमबीए पेपर लीक मामले में कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के एमबीए पाठ्यक्रम का पर्चा लीक होने के मामले में एक स्थानीय महाविद्यालय के संचालक जिम्मेदार है. कांग्रेस के मुताबिक स्थानीय संचालक भाजपा नेता है, इसलिए उसे बचाने की कोशिश की जा रही है.
25 मई को परीक्षा से पहले ही सोशल मीडिया पर लीक हुआ था पेपर
मामले में जांच अधिकारियों ने बताया कि एमबीए के पहले सेमेस्टर के ‘‘परिमाणात्मक तकनीकें'' विषय का प्रश्नपत्र 25 मई को परीक्षा से पहले ही सोशल मीडिया पर आने के मामले में पुलिस ने ‘आइडिलिक इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट' के एक कंप्यूटर ऑपरेटर और इस संस्थान के दो छात्रों को सात जून को गिरफ्तार किया था.
स्थानीय कारोबारी व पूर्व कांग्रेस नेता अक्षय कांति बम संस्थान के अध्यक्ष हैं
अधिकारियों के मुताबिक इस महाविद्यालय का संचालन एक समिति द्वारा किया जा रहा है और स्थानीय कारोबारी अक्षय कांति बम इस संस्थान के अध्यक्ष हैं. डीएवीवी प्रशासन ने एक जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर 12 जून को इस महाविद्यालय पर 5 लाख रुपये का जुर्माना और तीन साल तक संस्थान को परीक्षा केंद्र नहीं बनाने का फैसला किया था.
कांग्रेस की डिमांड, मामले में भाजपा नेता बम को तुरंत गिरफ्तार किया जाए
कांग्रेस की प्रदेश समिति के मुख्य प्रवक्ता मृणाल पंत ने इंदौर में संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘हजारों विद्यार्थियों के भविष्य से जुड़े एमबीए पर्चा लीक मामले में डीएवीवी प्रशासन की यह कार्रवाई सरासर नाकाफी है। इस मामले में बम को कानूनी प्रावधानों के तहत तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
कुलपति रेणु जैन व कुलसचिव अजय वर्मा की भूमिका की जांच की मांग
पंत ने सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हम पूछना चाहते हैं कि महाविद्यालय संचालक बम को एमबीए पर्चा लीक मामले में बचाने का प्रयास क्यों किया जा रहा है? क्या उन्हें ऐन चुनावों के वक्त कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने का पुरस्कार दिया जा रहा है?' उन्होंने कुलपति रेणु जैन और कुलसचिव अजय वर्मा दोनों की भूमिका की जांच की मांग की है.
इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी थे भाजपा नेता अक्षय कांति बम
इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित किए गए बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी की आखिरी तारीख 29 अप्रैल को अपना पर्चा वापस ले लिया था और वह इसके तुरंत बाद भाजपा में शामिल हो गए थे. नतीजतन इस सीट के 72 साल के इतिहास में कांग्रेस पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई थी.
11.75 लाख वोटों से जीते भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी, नोटा पर पड़े रिकॉर्ड वोट
अक्षय कांति बम के अचानक नामांकन वापस लेने और पार्टी छोड़कर भाजपा में जाने के घटनाक्रम के बाद निवर्तमान सांसद एवं भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी ने अपने नजदीकी बसपा प्रत्याशी को रिकॉर्ड 11.75 लाख वोटों से हराया था. कांग्रेस लोगों से नोटा पर वोट डालने की अपील की थी और इंदौर लोकसभा सीट पर रिकॉर्ड वोट नोटा पर दर्ज किए गए.
ये भी पढ़ें-MBA Paper Leake Case : भाजपा नेता अक्षय कांति बम का कॉलेज निकला दोषी, इतने लाख रुपये का लगा जुर्माना