
Mandsaur Farmers Angry Collector Post: मध्य प्रदेश के मंदसौर सोयाबीन फसल इस साल पीला मोजेक वायरस की भेंट चढ़ गई. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुद खेतों में पहुंचकर किसानों से इसकी जानकारी ली. किसान बर्बाद सोयाबीन का मुआवजा जल्द से जल्द दिलाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस बीच मंदसौर कलेक्टर ने सोशल मीडिया पर एक ऐसी पोस्ट की, इससे किसानों में नाराजगी है. हालांकि किसानों में नाराजगी और लगातार विरोध में आ रहे कमेंट्स को देखते हुए इस पोस्ट को हटा लिया है, लेकिन अब स्क्रीन शॉट काफी वायरल हो रहा है.
वायरल पोस्ट में क्या लिखा हुआ है
जो स्क्रीन शॉट वायरल हो रहा है वो मंदसौर कलेक्टर के सोशल मीडिया हैंडल फेसबुक का है. इस पोस्ट में लिखा गया है कि सोयाबीन की फसल पीले मौजक से पूर्णतया नष्ट होने की खबर भ्रामक है. किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं.
कृषि विभाग की टीम निगरानी कर रही है. इस पोस्ट के बाद मंदसौर के किसानों में भारी गुस्सा है. वहीं किसान इस पोस्ट को लेकर विरोध जता रहे हैं.

इस पोस्ट पर विरोध के स्वर उठते ही पोस्ट हटा ली गई और थोड़ी देर में नई पोस्ट डाली गई, जिसमें कृषि विभाग के अधिकारी सर्वे करते हुए दिखाइए दे रहे हैं. हालांकि NDTV वायरल स्क्रीन शॉट की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
पोस्ट डिलीट करने के बाद मंदसौर कलेक्टर की ओर से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया गया. जिसमें कहा गया कि सोयाबीन फसल पर रोग व अतिवर्षा से प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कार्य प्रगति पर है. किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं- कृषि व राजस्व विभाग की टीमें लगातार निगरानी और सर्वे कर रही हैं.

अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि सोयाबीन की फसल के नष्ट होने की खबर को भ्रामक बताने वाली जानकारी किस जिम्मेदार अधिकारी ने डीएम को दी. यदि वो जिले की मुखिया को भ्रामक जानकारी देने से नहीं चूक रहे है तो किसानों के साथ क्या सलूक कर रहे होंगे? यह सहज ही समझा जा सकता है.
क्या है हालात
अतिवृष्टि और पीले मोजेक की वजह से जिले के अधिकतर किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. कई स्थानों पर पकी फसल की पैदावार काफी कम बैठ रही है. आकलन से निराश किसानों ने जिले में कुछ जगह अपनी फसल को रोटो वेटर से नष्ट किया है. वहीं एक किसान ने कटाई के बाद अपनी फसल में आग लगा दी, जिसका वीडियो भी काफी वायरल हो हुआ.
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