MP News in Hindi : मध्य प्रदेश के मैहर जिले के CM राइज स्कूल से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. CM राइज स्कूल में बच्चों से शाला विकास शुल्क के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है. दरअसल, घटना ज़िले के रामनगर ब्लॉक की है. बताया जा रहा है कि यहां के छात्रों से 600 रुपए तक की राशि वसूली गई है जबकि मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा संहिता की मानें तो, नियमों के अनुसार ऐसी वसूली बिना शासन की अनुमति के अवैध है. स्कूल के प्राचार्य पर मासूम बच्चों से वसूली के आरोप लगे हैं.
रसीदें खुद छपवाकर की जा रही वसूली
यही नहीं, शासकीय मुद्रणालय से रसीद छपवाने के नियम का पालन नहीं किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि स्कूल ने खुद से रसीदें छपवाकर छात्रों से शाला विकास शुल्क वसूला. छात्रों से लिए गए पैसे का इस्तेमाल भी स्कूल के विकास में होता नहीं दिख रहा है. स्कूल परिसर गंदगी से भरा है और छात्रों के लिए मूलभूत सुविधाओं की कमी है.
नियमों का उल्लंघन कर रहा स्कूल
Madhya Pradesh School Education Code के नियम 125 के अनुसार विद्यार्थियों से सिर्फ और सिर्फ स्काउट, वार्षिक गतिविधि, साइंस, खेल और रेडक्रॉस शुल्क ही लिया जा सकता है. शाला विकास शुल्क लेने के लिए Directorate of Public Instruction (DPI) की अनुमति जरूरी होती है.
गरीब छात्रों से भी वसूली
नियम के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे आने वाले छात्रों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए. लेकिन यहां उनसे भी शाला विकास शुल्क वसूला गया है. विद्यालय के प्राचार्य सुग्रीव विसेन ने NDTV से बातचीत में स्वीकार किया कि शाला विकास के नाम पर छात्रों से शुल्क लिया गया है और रसीदें दी गई हैं. उनका कहना था कि अन्य विद्यालय भी ऐसा कर रहे हैं. नियम निर्देश शासन ने ही दिए हैं. आप भी वहीं से प्राप्त कर लें.
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सतना जिले के DEO टीपी सिंह ने कहा कि शाला विकास शुल्क किसी भी छात्र से नहीं लिया जाना चाहिए. अगर ऐसा किया गया है तो जांच कराई जाएगी. दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई होगी