उज्जैन की श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा की महामंडलेश्वर मंदाकिनी (Mahamandaleshwar Sadhvi Mandakini) ने मंगलवार, 7 मई को आत्महत्या करने की कोशिश की. मंदाकिनी ने फिनाइल पीकर आत्महत्या की कोशिश की. जानकारी के मुताबिक, महामंडलेश्वर मंदाकिनी की फिनाइल पीने से हालत खराब हो गई है. बता दें कि मंदाकिनी पर साढ़े सात लाख रुपये ठगी का आरोप है. फिलहाल पुलिस मामले में जांच कर रही है.
मंदाकिनी पुरी ने उपाधि दिलवाने के नाम पर ऐंठे साढ़े सात लाख
दरअसल, महामाया आश्रम के संत सुरेश्वरानंद पुरी ने सोमवार को मंगलनाथ रोड़ निवासी महामंडलेश्वर मंदाकिनी उर्फ ममता जोशी निवासी और हरिद्वार के अश्विन चौधरी के खिलाफ चिमनगंज थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था. आरोप लगाया है कि साध्वी मंदाकिनी ने श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े में महामंडलेश्वर की उपाधि दिलवाने का झांसा देकर उनसे साढ़े सात लाख रुपये लिए थे. वहीं उपाधि नहीं मिलने पर राशि वापस मांगी तो मंदाकिनी ने उन्हें झूठे केस में फसाने की धमकी दी थी.
इधर, ठगी के मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद मंगलवार, 7 मई को महामंडलेश्वर मंदाकिनी ने टॉयलेट में जाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. मंदाकिनी ने फिनाइल पीकर आत्महत्या की कोशिश की. हालांकि हालत खराब होने के बाद अन्य संतों ने इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं जानकारी मिलते ही चिमनगंज पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू कर दी.
साधुओं पर साजिश करने का लगाया आरोप
फिनाइल पीने से कुछ देर पहले साध्वी मंदाकिनी ने बताया कि सुरेश्वरानंद ने अप्रैल माह में हुए सामूहिक विवाह में कन्यादान और यज्ञ के लिए साढ़े सात लाख रुपये दान दिए थे. यह राशि महामंडलेश्वर उपाधि दिलाने के नाम पर नहीं थी,लेकिन बाद में सुरेश्वरानद उन पर पदवी दिलवाने के लिए दबाव बनाने लगा. सुरेश्वरानद ने कमरे में बंद कर गोली मारने की भी धमकी दी.
अखाड़े से नाता तोड़ने का किया ऐलान
मंदाकिनी ने बताया कि उन्होंने निरंजनी अखाड़े का काम किया, लेकिन बड़े महाराज धनवानों के कहने पर उनके साथ नहीं दे रहे. इसलिए उन्होने अब निरंजनी अखाड़े छोड़ रही है. उनको बदनाम करने के लिए कुछ साधुओं ने साजिश रची है. ऐसे में उन्हें कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी साजिशकर्ताओं की होगी.