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Ujjain Mahakal Prasad: महाकाल के लड्डू प्रसाद की सरकारी लैब से आई रिपोर्ट, जानें- कितना है शुद्ध?

Ujjain Mahakal Temple Prasad Controversy: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी की बात सामने आने के बाद NDTV ने उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के मंदिर में मिलने वाले प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद की भोपाल के राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला (State Food Testing Laboratory ) में जांच कराई थी. इसकी रिपोर्ट आ गई है. जानें- क्या है इस रिपोर्ट में?

Ujjain Mahakal Prasad: महाकाल के लड्डू प्रसाद की सरकारी लैब से आई रिपोर्ट, जानें- कितना है शुद्ध?

Mahakal Mandir Ujjain: तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati balaji Mandir) के प्रसाद (Balaji Prasad) में जानवरों की चर्बी की मिलावट की बात सामने आने के बाद NDTV ने उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के मंदिर में मिलने वाले प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद की भोपाल के राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला (State Food Testing Laboratory ) में जांच कराई. दरअसल, एनडीटीवी की कोशिश थी कि प्रसाद को लेकर श्रद्धालुओं के मन में जो भ्रम की स्थित पैदा हो गई है. उसे दूर किया जाए, ताकि लोग पूरी श्रद्धा के साथ प्रसाद ग्रहण कर सके. इसी सोच के साथ एनडीटीवी ने ये कदम उठाया था.

प्रसाद को लेकर पूरे देश में हुआ था हंगामा

आपको बता दें कि तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल की खबर के बाद इस मामले के लोकर पूरे देश में आक्रोश फैल गया था. जगह-जगह लोग सनातन धर्म के मानने वालों की आस्था से खिलवाड़ करने वालों को कठोर सजा दिलाने की मांग कर रहे थे. इसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था.

पूरी तरह से शुद्ध है प्रसाद

जांच में यह पाया गया कि बाबा महाकाल के दरबार में मिलने वाला लड्डू प्रसाद वैज्ञानिक मानकों पर पूरी तरह से शुद्ध है. यानी महाकाल के लड्डू प्रसाद में किसी तरह की मिलावट नहीं पाई गई है. लड्डू प्रसाद को बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले घी, बेसन, सूजी, शक्कर और सूखे मेवे सभी शुद्ध पाए गए हैं. बेसन में नुकसानदायक खेसारी दाल का मिश्रण तक भी नहीं मिला है. इसके साथ इस जांच रिपोर्ट से भी पता चला है कि प्रसाद में रंग का भी इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है.

इतना शुद्ध है घी

लड्डू प्रसाद में उपयोग किए जा रहे घी की शुद्धता की जांच के लिए ब्यूटाइरो रिफ्रैक्टोमीटर (BR) मीटर की रीडिंग की बात करें, तो यह 42.9 पाई गई है, जो गुणवत्तापूर्ण है. BR रीडिंग 40-44 के बीच होती है. घी की शुद्धता जांचने के लिए ब्यूटाइरो रिफ्रैक्टोमीटर (BR) मीटर का इस्तेमाल किया जाता है. यह घी में मौजूद बटर फैट की मात्रा को बताता है. लड्डू प्रसाद में सुक्रोज पॉजिटिव पाया गया है, क्योंकि शक्कर का इस्तेमाल होता है. बेसन और सूजी के इस्तेमाल की वजह से स्टॉर्च भी पॉजिटिव की श्रेणी में है. सिल्वर वर्क या किसी तरह के मैटेलिक लीफ का इस्तेमाल इसमें नहीं हुआ है.

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इस पूरे मामले पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दूबे ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे ने बताया कि मिल्क फैट यानी की घी से बनाया गया लड्डू है. इसमें और किसी तरह का फैट का इस्तेमाल नहीं किया गया है. वहीं, चने की दाल में कई बार खेसारी दाल के इस्तेमाल की संभावना रहती है, लेकिन इस लडडू में मिलावट नहीं पाई गई है. कुल मिलाकर अच्छी क्वालिटी का यह लड्डू है, जो पूरी तरह से तय स्टैंडर्ड के मुताबिक है. 

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