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बारिश बहा रही उम्मीदें, 41 घंटे तक रुक-रुककर हुई बरसात ने बिगाड़ा खेल, किसान और व्यापारियों की बड़ी चिंता 

Harda Weather News: हरदा में शनिवार रात से सोमवार शाम 5 बजे तक, करीब 41 घंटे हुई रुक-रुककर बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई है. एक ओर जहां खड़ी फसल खराब हो रही है, वहीं खेतों के तैयार नहीं होने से बोवनी पिछड़ना तय है. व्यापारियों को भी बारिश से नुकसान हो रहा है.

बारिश बहा रही उम्मीदें, 41 घंटे तक रुक-रुककर हुई बरसात ने बिगाड़ा खेल, किसान और व्यापारियों की बड़ी चिंता 

Madhya Pradesh Weather News: अरब सागर में उठे सिस्टम का असर हरदा (Harda Rain) जिले में दिखाई दे रहा है. कार्तिक माह में बारिश की झड़ी लगी है. इससे खेतों में खड़ी सोयाबीन (Soybean Crops) की सूखी फसल गीली होने से अंकुरण का खतरा मंडराने लगा है. शनिवार रात 10 बजे से शुरू हुई बारिश सोमवार शाम 5 बजे तक जारी रही. करीब 41 घंटे हुई बारिश (Rain) से किसानों की चिंता बढ़ गई है. एक ओर जहां खड़ी फसल खराब हो रही है, वहीं खेतों के तैयार नहीं होने से बोवनी पिछड़ना तय है. 

दरअसल, हर साल 25 अक्टूबर को तवा डेम से नहर का पानी छोड़ा जाता है, लेकिन इस बार बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसल की कटाई का अंतिम दौर जारी है.वहीं, किसान अब तक खेत तैयार नहीं कर पाए हैं. आम किसान यूनियन के पवन विश्नोई ने बताया कि अधिकांश क्षेत्रों में किसान खेतों को तैयार नहीं कर पाए हैं, ऐसे में बोवनी नहीं हो पा रही है.

टिमरनी में सबसे ज्यादा, रहटगांव में सबसे कम बारिश

जिले में दर्ज औसत बारिश 1261.7 मिमी है. अधीक्षक भू-अभिलेख के अनुसार हरदा में 8 मिमी, टिमरनी में 11 मिमी, खिरकिया में 5 मिमी, सिराली में 6 मिमी और रहटगांव में 11 मिमी बारिश हुई. जिले में अब तक औसत बारिश 1255 मिमी हो चुकी है. इसमें हरदा तहसील में 1135.2 मिमी, टिमरनी में 1453.5 मिमी, खिरकिया में 1308.3 मिमी, सिराली में 1284.2 मिमी और रहटगांव में 1095.6 मिमी बारिश दर्ज की गई. पिछले साल इस दौरान 1126.6 मिमी औसत बारिश हुई थी.

किसान बोले - नुकसान ही हो रहा है.

किसान अंकित चोयल ने बताया कि  बारिश से किसानों की चिंता बड़ गई है. पहले किसान मूंग की कटाई नहीं कर पाए. जिन किसानों ने सोयाबीन और मक्का की बोवनी की, उनकी फसल तेज बारिश और पीला मोजेक के अटैक से खराब हो गई. मौसम की मार से सिर्फ नुकसान ही नुकसान हो रहा है. सरकार और अधिकारी भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. मुआवजा राशि का आकलन काफी कम हुआ है. बीमे का भी कोई पता नहीं है.

बारिश से पलेवा का पानी बचेगा, किसान सीधे बोवनी कर सकेंगे.

जिले में हुई लगातार बारिश से कटी सोयाबीन की फसल जो खेत-खलिहान में गीली हो गई है, उसे अधिक नुकसान होगा. भीगने से वह अंकुरित हो जाएगी. वहीं पौधे पर लगी फसल भी प्रभावित होगी, लेकिन नुकसान कम होगा. मक्का की फसल को ज्यादा नुकसान नहीं है. पर्याप्त बारिश हो गई है, ऐसे में अब किसान नहरों के पानी का इंतजार किए बिना खेतों को तैयार कर सीधे बोवनी करेंगे. इससे पलेवा के पानी की बचत होगी.

मक्का भीगी, व्यापारियों को नुकसान, खरीदी पर रोक

व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश अग्रवाल ने बताया कि मक्का के गीला होने से व्यापारियों को नुकसान हुआ है. मंडी में किसान गीली मक्का लेकर आ रहे हैं. व्यापारियों के पास उसे सुखाने और रखने की पर्याप्त जगह नहीं है. ऐसे में सोमवार को मंडी में मक्का की खरीदी नहीं की गई. साथ ही 28 अक्टूबर से आगामी आदेश तक व्यापारियों ने कृषि उपज मंडी हरदा में मक्का खरीदी पर रोक लगा दी है. इसकी सूचना मंडी सचिव को दी गई है.

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