Madhya Pradesh Tourism: जिन्हें प्राकृतिक सुंदरता, वन्यजीव और ऐतिहासिक विरासत का अद्भुत संगम देखने का शौक हो, वे सीधे मध्यप्रदेश का रुख करते हैं. सैलानी चाहे विदेशों से आए हों या देश के अलग-अलग राज्यों से, हर कोई मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर मंत्रमुग्ध हो जाता है. शायद यही कारण है कि प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में 526 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है, जिसकी पुष्टि स्वयं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की है.
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19 नवंबर 2025 को छतरपुर के खजुराहो में मुख्यमंत्री ने ‘द ओबेरॉय राजगढ़ पैलेस' होटल का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा-“पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रहे मध्यप्रदेश में पर्यटकों की संख्या में 526% की ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज हुई है. बीते वर्ष 13.41 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने प्रदेश के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया. पर्यटकों के लिए विकसित हवाई सेवाएं और हेली सेवाओं का लगातार विस्तार मध्यप्रदेश को पर्यटन का प्रमुख केंद्र बना रहा है.”

Madhya Pradesh Tourism
Photo Credit: @एमपीटूरिज्म
सीएम यादव ने आगे लिखा कि मध्यप्रदेश की वैश्विक धरोहरों में खजुराहो का स्थान अत्यंत विशिष्ट है, जो प्रदेश की गौरवमयी पहचान और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है. यहां की ऐतिहासिक मूर्तियां, भित्तिचित्र और अद्भुत स्थापत्य कला मानो सजीव प्रतीत होती हैं. उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में मिल रही सफलता न केवल प्रदेश की वैश्विक पहचान को मजबूत कर रही है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और नए अवसरों के दरवाज़े भी खोल रही है.
मध्यप्रदेश में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
मध्यप्रदेश में खजुराहो, सांची और भीमबेटका जैसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल मौजूद हैं. इसके अलावा कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, सतपुड़ा जैसे राष्ट्रीय उद्यान भी देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. यही नहीं, धार्मिक, प्राकृतिक, साहसिक और सांस्कृतिक पर्यटन के लिहाज से भी एमपी एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य बनता जा रहा है.
अब जानिए वे प्रमुख पर्यटन स्थल, जहां हर साल लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों पर्यटक आकर्षित होते हैं.
1. खजुराहो (Khajuraho Temples)-भारत की विश्व प्रसिद्ध विरासत (छतरपुर)
खजुराहो के मंदिर भारतीय शिल्पकला, स्थापत्य और सौंदर्य की अनोखी पहचान हैं. यहाँ की मूर्तियाँ इतनी सूक्ष्मता से तराशी गई हैं कि ऐसा लगता है मानो उनमें जीवन प्रवाहित हो.
यहाँ क्या देखें?
पश्चिमी समूह मंदिर (मुख्य परिसर)
- लाइट एंड साउंड शो
- खजुराहो डांस फेस्टिवल (फरवरी में)
- पास में पन्ना टाइगर रिज़र्व
कैसे पहुंचे?
- हवाई मार्ग: खजुराहो एयरपोर्ट (दिल्ली, वाराणसी, मुंबई से उड़ानें)
- रेलवे: खजुराहो और छतरपुर स्टेशन
- सड़क मार्ग: झांसी, सागर, पन्ना और भोपाल से बस/टैक्सी उपलब्ध
2. सांची स्तूप (Sanchi Stupa)-बौद्ध धरोहर (रायसेन)
बौद्ध धर्म का विश्व धरोहर स्थल और सम्राट अशोक के योगदान का प्रतीक. यहां शांत वातावरण और ऐतिहासिक तोरण द्वार हर आगंतुक को प्रभावित करते हैं.
कैसे पहुंचे?
- हवाई मार्ग: भोपाल एयरपोर्ट (55 KM)
- रेलवे: विदिशा रेलवे स्टेशन
- सड़क: भोपाल–विदिशा मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है.
3. भीमबेटका रॉक शेल्टर (Bhimbetka Rock Shelters)
यह जगह भारत की सबसे पुरानी मानव सभ्यता का प्रमाण है. गुफाओं में बनी पेंटिंग्स 40,000 से भी पुरानी मानी जाती हैं.
कैसे पहुंचे?
- हवाई मार्ग: भोपाल एयरपोर्ट (45 KM)
- रेलवे: ओबेदुल्लागंज या भोपाल
- सड़क: भोपाल–होशंगाबाद रोड से टैक्सी उपलब्ध
4. कान्हा (Kanha), बांधवगढ़ (Bandhavgarh), पेंच (Pench) और पन्ना (Panna)
मध्यप्रदेश को 'टाइगर स्टेट ऑफ इंडिया' का दर्जा मिला है. यहां जंगल सफारी, बर्ड वॉचिंग और नाइट ट्रेल्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं.
कैसे पहुंचे?
- कान्हा: जबलपुर/गोंदिया एयरपोर्ट से टैक्सी
- बांधवगढ़: कटनी स्टेशन नजदीकी
- पेंच: नागपुर और सिवनी से सीधा मार्ग
- पन्ना: सतना/खजुराहो से सीधी सड़क
5. भेड़ाघाट और धुआंधार जलप्रपात (Bhedaghat & Dhuandhar Falls)-जबलपुर
संगमरमरी घाटों के बीच बहती नर्मदा और धुआंधार जलप्रपात का नज़ारा किसी स्वर्ग से कम नहीं.
कैसे पहुंचे?
- हवाई मार्ग: जबलपुर एयरपोर्ट
- रेलवे: जबलपुर स्टेशन
- सड़क मार्ग: शहर से मात्र 25 KM
6. उज्जैन (Ujjain)-आध्यात्मिक राजधानी
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और रामघाट उज्जैन को आध्यात्मिक राजधानी बनाते हैं. महाकाल कॉरिडोर और बाबा महाकाल की भव्य भस्म आरती यहां का प्रमुख आकर्षण है.
कैसे पहुंचे?
- हवाई मार्ग: इंदौर एयरपोर्ट (55 KM)
- रेलवे: उज्जैन जंक्शन
- सड़क: इंदौर–भोपाल–रतलाम से सीधा मार्ग
7. ओरछा (Orchha Fort & Temples)-इतिहास और स्थापत्य का संगम
ऐतिहासिक महल, नदियाँ और प्राचीन स्थापत्य कला यहां की आत्मा हैं. शाम का बेतवा नदी किनारा मन मोह लेता है.
कैसे पहुंचे?
- रेलवे: झांसी जंक्शन (18 KM)
- सड़क: झांसी–टीकमगढ़ मार्ग
8. हनुवंतिया आइलैंड (Hanuwantiya Island / Jal Mahotsav)-मध्य प्रदेश का मिनी गोवा
इसे मध्यप्रदेश का "मिनी गोवा" कहा जाता है. नाव सफारी, पैरासेलिंग, क्रूज और टेंट स्टे यहां का मुख्य आकर्षण हैं.
कैसे पहुंचे?
- हवाई मार्ग: इंदौर
- रेलवे: खंडवा
- सड़क: इंदौर–खंडवा हाईवे