
MP के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने अतिथि शिक्षकों के नियमित करने की मांग पर अजीब-ओ-गरीब बयान दिया है. मंत्री से जब पूछा गया कि मध्य प्रदेश में हजारों अतिथि शिक्षक लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं. इस पर आपका क्या कहना है, इस पर मंत्री जी भड़क गए. इसके मंत्री ने कहा कि आप अतिथि हैं, तो क्या मेहमान बनकर हमारे घर पर कब्जा करोगे ?
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में हजारों अतिथि शिक्षक लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं. हालांकि, ऐसा लगता है कि उनकी मांगों का सरकार पर कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है. यही वजह है कि जब अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग पर स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह से सवाल किया गया, तो उन्होंने दो टूक जवाब देते हुए कहा उनका नाम अतिथि है. आप हमारे मेहमान बनकर आओगे, तो क्या हमारे घर पर कब्जा करोगे?
मंत्री ने नियमितीकरण की मांग को ही किया खारिज
दरअसल, पत्रकारों ने नियमितीकरण को लेकर जब स्कूल शिक्षा मंत्री से सवाल किया, तो वह भड़क गए. इसके बाद उन्होंने इन अतिथि शिक्षक नियमितीकरण के मांग को गलत बताते हुए कहा कि उनका नाम क्या है? इसके बाद उन्होंने कहा कि जब उनका नाम ही अतिथि तो फिर नियमितीकरण कैसा? इसके आगे उन्होंने कहा कि आप हमारे मेहमान बनकर आओगे, तो क्या हमारे घर पर कब्जा करोगे. इसके साथ ही मंत्री इन अतिथि शिक्षकों को नियमित करने में सरकार की असमर्थता भी बताई. उन्होंने कहा कि वेतन देने के लिए वित्तीय प्रावधानों का प्रयोजन करना पड़ता है. जहां शिक्षक कम हैं, वहां अतिथि शिक्षकों को लगाया जाता है. हम अतिशेष शिक्षकों को खाली जगह पर भेज रहे हैं.
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अतिथि शिक्षकों ने किया था जंगी प्रदर्शन
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 10 सितंबर को हजारों अतिथि शिक्षकों ने नियमितीकरण समेत कई अन्य मांगों को लेकर अंबेडकर मैदान में जंगी प्रदर्शन किया था. इस दौरान ये लोग हाथों में तिरंगा लेकर सीएम हाउस घेरने निकले थे. हालांकि, इससे पहले ही इन लोगों को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया था. जहां पुलिस और अतिथि शिक्षकों के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई थी. प्रदेश के अतिथि शिक्षकों ने कुल पांच मुख्य मांगों को लेकर ये प्रदर्शन किया था. उनकी मांगें थी कि गुरु जी की तर्ज पर विभागीय पात्रता परीक्षा लेकर नियमित किए जाए. अतिथि शिक्षकों के स्कोर कार्ड में हर सत्र के अनुभव के 10 अंक अधिकतम 100 अंक सभी वर्गों में शामिल करें. 30 फीसद से कम रिजल्ट के अंक वाले शिक्षकों को पढ़ाने का एक मौका और दिया जाए. इसके साथ ही इन लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणाओं पर अमल करने की मांग थी.
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