Madhya Pradesh Assembly Election 2023 : भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में इस बार फिर कमल खिला है. 15 चुनावों में यह दूसरी बार है जब इस विधानसभा सीट से BJP की जीत हुई है और दोनों बार ही सुरेंद्र सिंह गहरवार ही विधायक चुने गए हैं. दिलचस्प बात यह है कि सुरेन्द्र सिंह गहरवार ने चित्रकूट में कांग्रेस के पूर्व विधायक स्वर्गीय प्रेम सिंह को हराने के अलावा उनके उत्तराधिकारी नीलांशु चतुर्वेदी को हरा कर भाजपा को चित्रकूट सीट दिलाई.
1957 को हुआ था पहला चुनाव
बता दें कि चित्रकूट में पहला विधानसभा चुनाव साल 1957 को हुआ था. जिसमें अखिल भारतीय रामराज्य परिषद के उम्मीदवार कौशलेन्द्र प्रताप बहादुर सिंह चुने गए थे. भाजपा के सुरेन्द्र सिंह ने पहली बार 2008 में जीत अर्जित कर राम की तपोभूमि में कमल खिलाया था. इसके बाद हुए तीन चुनाव (उप चुनाव सहित) में लगातार भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था. सुरेन्द्र सिंह गहरवार हर बार प्रत्याशी बनाए गए, लेकिन जीत नहीं पाए. वहीं 2023 के चुनाव में पिछड़ने के बाद भी उन्होंने जोरदार वापसी की.
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चार पोलिंग की गणना नहीं
चित्रकूट में कुल चार ऐसी पोलिंग हैं, जिनकी गणना नहीं हो पाई. पोलिंग क्रमांक 96 केन्द्र मझगवां पंचायत भवन नार्थ, पोलिंग नंबर 107 पटिहर, पोलिंग नंबर 127 कारीगोही हाई स्कूल और पोलिंग क्रमांक 204 डोमहाई मिडिल स्कूल भवन में हुए मतदान की गिनती नहीं की जा सकी. इनमें किसी भी प्रत्याशी को मिले वोटों को तकनीकी खामियों की वजह से नहीं गिना गया. फिलहाल इन आंकड़ों को लेकर चुनाव आयोग से विशेष अनुमति ली जा रही है.
थे भाजपा के बागी, नुकसान कांग्रेस को पहुंचा
चित्रकूट विधानसभा चुनाव में सबसे पहले बीजेपी ने कैंडिडेट घोषित किया. सुरेन्द्र सिंह की टिकट मिलने के बाद सुभाष शर्मा डोली ने बागी रुख अपनाते हुए विरोध किया. अनुमान था कि वे बीजेपी को नुकसान पहुंचाएंगे. जैसे ही कांग्रेस की टिकट फाइनल हुई वैसे ही नीलांशु के विरोध में संजय सिंह कछवाह खड़े हो गए. दोनों दलों के बागी मैदान में थे. डोली का समर्थन देखकर राजनीति से जुड़े लोग भाजपा को बड़ा नुकसान होने का आंकलन करते रहे. वहीं जब नतीजे सामने आए तो यहां से सुरेन्द्र सिंह विधायक चुने गए.
इसका मिला फायदा
इस बार भाजपा ने 3 महीने पहले ही जिन 35 प्रत्याशियों की घोषणा की थी, उनमें से एक सीट चित्रकूट विधानसभा की भी थी. पार्टी के असंतुष्ट कार्यकर्ताओं को मनाने का अच्छा वक़्त मिल गया. भाजपा ने जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत भी इस विधानसभा सीट से की थी. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी राम वन गमन पथ बनाने सहित कई घोषणाएं की. जिसका सीधा फायदा इस बार भाजपा को हुआ.