
Madhya Pradesh News : भ्रष्टाचारियों के लिए किसान साॅफ्ट टारगेट बन चुके हैं. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सतना (Satna) से किसानों के साथ धोखे की बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां करीब 26 किसानों के पैसे डकार लिए गए. पहले भी सहकारिता विभाग में किसानों के साथ कई धोखे हुए हैं, लेकिन इन मामलों में जिला प्रशासन कुछ नहीं कर पाया. यही कारण है कि समिति प्रबंधक के लोग धड़ल्ले से किसानों की गाढ़ी कमाई गटकने में संकोच नहीं कर रहे हैं.
किसानों के पैसों का कर लिया निजी तौर पर उपयोग
दरअसल सतना के नागौद क्षेत्र की सेवा सहकारी समिति दुरेगा में यहां के सहायक समिति प्रबंधक ने किसानों के द्वारा जमा किए गए कथित ऋण को उनके डीएमआर खातों में जमा नहीं करते हुए निजी तौर पर उपयोग कर लिया. किसानों को इस बात की जानकारी तब लगी जब ऋण जमा करने के बाद किसानों ने बैंक में संपर्क किया. इनमें अधिकांश वह किसान थे जिनके द्वारा समिति में नकद पैसा जमा कराया गया था.
किसानों को पैसे जमा करने की पर्ची भी दी गई
उन्हें समिति के कैशियर द्वारा जमा की पर्ची दी गई, लेकिन किसी के भी बैंक खाते में राशि जमा नहीं की गई और न ही बैंक खाते में कटौती की गई. जिसके बाद इस मामले की शिकायत जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक में दर्ज कराई गई और जांच में पाया गया कि शिकायत करने वाले 26 किसानों के साथ इस प्रकार का धोखा पिछले छह सालों से हो रहा था. जांच में अब तक 20 लाख रुपए के गबन की पुष्टि हुई है. हालांकि यहां समिति प्रबंधक मुलायम सिंह के ऊपर अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है.
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अभी तक नहीं हुई कोई भी कार्रवाई
सहकारी बैंक नागौद के मैनेजर केके द्विवेदी ने बताया कि सेवा सहकारी समिति दुरेहा से संबंधित जांच रिपोर्ट 20 दिन पहले डीसीसीबी सतना, सहकारिता विभाग के डीआर को सौंप दी गई है. जांच प्रतिवेदन में करीब 20 लाख रुपए के फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई है. इस मामले में सहायक समिति प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की गई है. लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई ना होना अधिकारियों की मंशा पर भी सवाल उठा रहा है.