
Madhya Pradesh minister Vijay Shah News: मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री विजय शाह एक बार फिर अपने विवादित बयान से आलोचनाओं के घेरे में हैं. इस बार मामला सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी (Colonel Sophia Qureshi) पर की गई विवादित टिप्पणी का है. इस मामले में तो मध्य प्रदेश हाई कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देना पड़ा. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब विजय शाह अपने बयानों को लेकर विवादों में हों. उनके सियासी सफर में ऐसे कई मौके आए हैं जब उनके बयान को लेकर सार्वजनिक आलोचना हुई है. वहीं एक बार तो उन्हें इस्तीफा देना तक पड़ गया था.
जब देना पड़ा था इस्तीफा...
विजय शाह साल 2013 में जब जनजातीय कार्य मंत्री थे. तब खंडवा में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी के बारे में विवादित टिप्पणी की थी. इस टिप्पणी के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना तक पड़ा था.
टी-शर्ट पर ‘गंदी बात'...
एक कार्यक्रम में बालिकाओं को टी-शर्ट बांटते समय शाह ने कहा था, इनको दो-दो दे दो, मुझे नहीं पता ये नीचे क्या पहनती हैं. उनके इस बयान की भी काफी आलोचना हुई थी.
जब रुकवा दी थी विद्या बालन की शूटिंग
साल 2020 में बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन की फिल्म शेरनी की शूटिंग प्रदेश के जंगलों में हो रही थी. उस समय आरोप लगे कि तब वन मंत्री रहे विजय शाह ने अभिनेत्री को डिनर पर आमंत्रित किया. लेकिन, उन्होंने मना कर दिया तो अगले ही दिन शूटिंग क्रू की गाड़ियों को जंगल में एंट्री नहीं दी गई.
ताली नहीं बजाओगे तो...
वैसे ही साल 2018 में शिक्षक दिवस समारोह के दौरान मंत्री शाह ने मंच से एक बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया था. उन्होंने कहा था, अगर आज गुरु के सम्मान में ताली नहीं बजाओगे तो अगले जन्म में घर-घर जाकर ताली बजानी पड़ेगी. इसे लेकर किन्नर समुदाय ने नाराजगी जताई थी.
राहुल गांधी को लेकर भी की थी टिप्पणी
सितंबर 2022 में खंडवा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शादी को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, अगर कोई लड़का 50-55 साल का हो जाए और शादी न करे तो लोग पूछते हैं कि कोई कमी तो नहीं है? उनके इस बयान पर भी खूब राजनीति हुई थी.
आठ बार से विधायक हैं शाह
विजय शाह आठ बार से विधायक हैं. उनका संबंध मकड़ाई के राजघराने से है. साथ ही वे भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता माने जाते हैं. साल 1998 से लगातार हरसूद विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. साल 2003 में उन्हें उमा भारती सरकार में पहली बार कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. इसके बाद बाबूलाल गौर की सरकार में भी मंत्री रहे. शिवराज सिंह चौहान और अब मोहन यादव की सरकार में भी उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी मिली.
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