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'टाइगर स्टेट' मध्यप्रदेश में बाघ को मारी गई गोली ! खोपड़ी में मिले 4 छेद का रहस्य क्या है?

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 3 सालों में 34 बाघों की मौत में जांच का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है कि अब भोपाल के पास रातापानी में बाघ के शव से मध्य प्रदेश के वन विभाग में हलचल मच गई है. दरअसल बाघ के शव के पोस्टमार्टम में उसके सिर में चार छेद पाए गए, जो गोली लगने के निशान की तरह हैं.

'टाइगर स्टेट' मध्यप्रदेश में बाघ को मारी गई गोली ! खोपड़ी में मिले 4 छेद का रहस्य क्या है?

Tiger in Madhya Pradesh: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve)में 3 सालों में 34 बाघों की मौत में जांच का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है कि अब भोपाल के पास रातापानी में बाघ के शव से मध्य प्रदेश के वन विभाग (Forest Department of Madhya Pradesh) में हलचल मच गई है. दरअसल बाघ के शव के पोस्टमार्टम में उसके सिर में चार छेद पाए गए, जो गोली लगने के निशान की तरह हैं. अब बाघ की खोपड़ी को बैलिस्टिक परीक्षण (ballistic testing)के लिए भेजा गया है, जिससे उसकी मौत के सही कारणों का पता लगाया जा सके.बाघ का शव बीते 14 जुलाई को ओबेदुल्लागंज के पास मिला था. इस शव के परीक्षण के दौरान उसके तीन पंजे और तीन कैनाइन दांत गायब पाए गए. अगले दिन,जब उसकी खोपड़ी मिली, तो वन विभाग को तुरंत संदेह हुआ कि यह शिकारियों का काम हो सकता है. 

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जो रिपोर्ट एनडीटीवी के पास है उसके मुताबिक बाघ के बाएं नाक की हड्डी पर 12 मिमी x 5 मिमी का घाव, दाएं तरफ 5 मिमी व्यास का घाव, और दाएं लैक्रिमल हड्डी पर 3.2 मिमी का घाव शामिल हैं. इसके अलावा, 3 मिमी लंबाई का एक और घाव भी पाया गया है. सूत्रों के मुताबिक 20 जुलाई को, मुरार गांव के पास से दो संदिग्ध, नफीज और शकील, गिरफ्तार किए गए और उनके पास से दो बंदूकें भी जब्त की गईं हैं.हालांकि, अभी तक उन पर बाघ की हत्या का आरोप नहीं लगाया गया है. 

वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा- जब तक फोरेंसिक रिपोर्ट नहीं आ जाती, हम कुछ भी नहीं कह सकते. यदि बैलिस्टिक रिपोर्ट हमारे संदेह की पुष्टि करती है, तो हम संदिग्धों को आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लेंगे.

जानकार बताते हैं कि प्रस्तावित रातापानी टाइगर रिजर्व में अतिक्रमण और शिकार बेहद गंभीर समस्या है. वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने रातापानी में संदिग्ध शिकार के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि रातापानी अभयारण्य, ओबेदुल्लागंज फॉरेस्ट डिविजन में राजनैतिक सिफारिशों पर लंबे समय से पदस्थ स्टाफ में अधिकतर स्थानीय लोग हैं .ये गलत है क्योंकि इनके संबंध स्थानीय जंगल माफिया से हो सकते हैं.

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बता दें कि बीते 15 जुलाई को ही प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी (Ratapani Wildlife Century) को टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) बनाने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority-NTCA) ने 2011 में रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने की सैद्धांतिक सहमति दे दी थी. बता दें कि रातापानी वाइल्डलाइफ सेंचुरी टाइगर रिजर्व 2163.037 वर्ग किमी में बनेंगा. साथ ही इसमें बाघ, तेंदुआ समेत 3 हजार से ज्यादा वन प्राणियों को रखा जाएगा. रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनने के बाद मध्य प्रदेश में 8 टाइगर रिजर्व हो जाएंगे.

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