Madhya Pradesh Election Results 2023: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव और रिजल्ट काफी दिलचस्प रहा. जनता ने जिस तरह से अपना फैसला बताया है वह सभी के लिए काफी हैरान करने वाले हैं. एग्जिट पोल्स के बाद सामने आए रिजल्ट ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को चौंकाया. जहां बीजेपी को उम्मीद से ज्यादा सीटें मिली. वहीं, सरकार बनाने का दावा करने वाली कांग्रेस तो धराशायी दिखी. कांग्रेस का मानना है कि, राज्य में धरातल एंटी इंकबेंसी दिखी थी. लेकिन जनता का फैसला क्यों अलग है इसकी समीक्षा करनी होगी. हालांकि, कांग्रेस को पार्टी के अंदर चल रहे झगड़े की समीक्षा जरूर करनी चाहिए. वहीं, कांग्रेस को उनके खुद की बागी ने तो नुकसान पहुंचाया ही. साथ ही बीजेपी के बागियों ने भी कांग्रेस का ही बंटाधार कर दिया.
दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कई ऐसे नेताओं को टिकट नहीं दिया, जिन्हें विश्वास था कि, उन्हें पार्टी मौका देगी. जब उन्हें मौका नहीं मिला तो वह बागी हो गए और चुनावी मैदान में उतर गए. दूसरी ओर बीजेपी से भी कई नाराज नेता निर्दलीय होकर मैदान में उतरे थे. हम आपको 11 बागी नेताओं के नाम बता रहे हैं जो फ्लॉप रहे लेकिन कांग्रेस और बीजेपी को सीधे-सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाया. चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.
बागियों ने कैसे बिगड़ा कांग्रेस का खेल
बुरहानपुर सीट से हर्षवर्धन सिंह
बुरहानपुर सीट पर बीजेपी ने अर्चना को दोबारा मौका दिया जो पिछली बार चुनाव हार गई थी. हालांकि, पूर्व अध्यक्ष और पांच बार सांसद नंद कुमार चौहान के बेटे हर्षवर्धन सिंह बुरहानपुर से टिकट की मांग कर रहे थे. इससे पहले उन्होंने 2019 मे खंडवा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की मांग की थी लेकिन उस वक्त भी उन्हें टिकट नहीं मिला. ऐसे में हर्षवर्धन सिंह बीजेपी से नाराज होकर बुरहानपुर सीट पर निर्दलीय उतर गए.
सीधी सीट से केदारनाथ शुक्ला
केदारनाथ शुक्ला सीधी सीट से चार बार विधायक रह चुके थे लेकिन बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया. जबकि इस सीट पर सासंद रीति पाठक को बीजेपी ने उतारा. हालांकि, केदारनाथ शुक्ला से बीजेपी पेशाबकांड की वजह से नाराज थी. वहीं केदारनाथ शुक्ला ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया.
मुरैना सीट से राकेश सिंह
राकेश सिंह बीजेपी के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे हैं. बीजेपी ने यहां से रघुराजा कंसाना को उम्मीदवार बनाया जिससे रुस्तम सिंह और राकेश सिंह दोनों बीजेपी से इस्तीफा देकर बीएसपी में चले गए. बीएसपी ने राकेश सिंह को मुरैना सीट से चुनाव लड़ाया. वहीं, रघुराजा कंसाना पहले ज्यातिरादित्य सिंधिया के खेमे से कांग्रेस में थे लेकिन 2020 में बीजेपी में शामिल हो गए. हालांकि, इस सीट पर कांग्रेस के दिनेश गुर्जर ने बाजी मारी.
भिंड सीट से संजीव सिंह
भिंड सीट पर बीजेपी ने सिटिंग एमएलए संजीव सिंह का टिकट काटकर नरेंद्र सिंह कुशवाहा को उतारा. इसके बाद संजीव सिंह बीएसपी में शामिल हो गए. संजीव पहले भी बीएसपी में रह चुके थे. यहां नरेंद्र सिंह कुशवाहा को जीत मिली.
सतना सीट से रत्नाकर चतुर्वेदी
रत्नाकर चतुर्वेदी बीजेपी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष थे और सतना सीट से टिकट न मिलने पर वह बीएसपी में शामिल हो गए. सतना से बीएसपी ने रत्नाकर चतुर्वेदी को टिकट दिया. जबकि बीजेपी ने सतना सीट से सांसद गणेश सिंह को टिकट दिया. हालांकि, इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार डब्बू सिद्धार्थ सुखलाल को जीत हासिल हुआ.
राजनगर सीट से घासीराम पटेल
घासीराम पटेल बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे थे लेकिन राजनगर सीट से टिकट कटने के बाद वह बीएसपी के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे. वहीं, बीजेपी ने अरविंद पटेरिया को टिकट दिया. जबकि कांग्रेस ने सिटिंग एमएलए नाती राजा पर दांव लगाया.
निवाड़ी सीट से नंदराम कुशवाहा
नंदराम कुशवाहा 2021 के उपचुनाव में बीएसपी से बीजेपी में शामिल हुए और पृथ्वीपुर सीट से जीते थे. लेकिन इस बार निवाड़ी सीट पर दावेदारी कर रहे थे. लेकिन बीजेपी ने दो बार के विधायक अनिल जैन को उम्मीदवार बनाया. इसके बाद नंदराम कुशवाहा ने निर्दलीय मैदान में उतरने का फैसला किया.
टीकमगढ़ सीट से केके श्रीवास्तव
बीजेपी ने टीकमगढ़ सीट से केके श्रीवास्तव को टिकट न देकर राकेश गिरी को टिकट दिया. इसके बाद केके श्रीवास्तव निर्दलीय मैदान में कूद गए. हालांकि, यहां कांग्रेस प्रत्याशी यादवेंद्र सिंह (जग्गू भईया) की जीत हुई.
नागौद से यादवेंद्र सिंह
नागौद सीट से कांग्रेस ने पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह का टिकट काट दिया और रश्मि सिंह को टिकट दिया. इसके बाद वह बीएसपी से चुनाव मैदान में उतर गए. वहीं, यहां बीजेपी के नागेंद्र सिंह को जीत हासिल हुई.
डॉ अम्बेडकर नगर सीट से अंतर सिंह
अंतर सिंह डॉ अम्बेडकर नगर सीट से कई बार जीत चुके थे. लेकिन इस बार टिकट न मिलने पर वह निर्दलीय मैदान में उतरे. जबकि कांग्रेस ने रामकिशोर शुक्ला को टिकट दिया. लेकिन यहां बीजेपी के उषा बाबू सिंह ठाकुर को जीत मिली.
आलोट सीट से प्रेमचंद गुड्डू
पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू को कांग्रेस से आलोट सीट पर टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय मैदान में उतरे. वहीं, कांग्रेस ने सिटिंग मनोज चावला को उम्मीदवार बनाया. जबकि इस सीट पर बीजेपी के डॉ. चिंतामणि मालवीय की जीत मिली.
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