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इस्तीफा, दंडवत, धरना... अपनों से ही क्यों घिरी बीजेपी सरकार ? खुद बीजेपी अध्यक्ष ने क्या दिया तर्क

Madhya Pradesh BJP: मध्यप्रदेश सरकार को बीते कुछ दिनों से अपने विधायक ही घेर रहे हैं. सार्वजनिक जगह से कोई इस्तीफा दे रहा है, तो कोई धरने पर बैठ रहा है, वहीं कोई सोशल मीडिया के जरिये अपनी बात रख रहा है. इस फेहरिश्त में बृज बिहारी पटेरिया, प्रदीप पटेल, संजय पाठक, अजय विश्नोई, प्रदीप लारिया और गोपाल भार्गव जैसे बड़े नाम शुमार हैं. जानें बीजेपी अध्यक्ष ने इस पूरे मसले पर क्या कहा.

इस्तीफा, दंडवत, धरना... अपनों से ही क्यों घिरी बीजेपी सरकार ? खुद बीजेपी अध्यक्ष ने क्या दिया तर्क

Madhya Pradesh BJP: मध्यप्रदेश सरकार को बीते कुछ दिनों से अपने विधायक ही घेर रहे हैं. सार्वजनिक जगह से कोई इस्तीफा दे रहा है, तो कोई धरने पर बैठ रहा है, वहीं कोई सोशल मीडिया के जरिये अपनी बात रख रहा है. इस फेहरिश्त में बृज बिहारी पटेरिया, प्रदीप पटेल, संजय पाठक, अजय विश्नोई, प्रदीप लारिया और गोपाल भार्गव जैसे बड़े नाम शुमार हैं. 

यह छह विधायक, जिनमें तीन पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं उनकी नाराजगी के पीछे कई अलग-अलग कारण हैं. एक विधायक ने सांप काटने की घटना पर नाराजगी जताते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी. तो वहीं एक ने शराब माफियाओं को लेकर सवाल उठाया. एक ओर अवैध शराब और जुए पर दिग्गजों का रोष दिखा, तो वहीं एक विधायक ने आधार कार्ड में छेड़छाड़ का आरोप तक लगाया. हालांकि बीजेपी इसे सामान्य बता रही, जबकि कांग्रेस ने इसे अंदरूनी झगड़ा करार दिया.  

बृजबिहारी पटैरिया: इस्तीफे तक पहुंची बात

गुरुवार देर रात देवरी से बीजेपी विधायक बृजबिहारी पटैरिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उसे विधानसभा अध्यक्ष को भेज भी दिया. विधायक पटैरिया सांप काटने के मामले में एफआईआर नहीं लिखे जाने से नाराज थे, हालांकि कुछ घंटों बाद वो मान गये और इसे तात्कालिक आक्रोश बताया. पटेरिया ने कहा कि उन्हें इस्तीफा सौंपने पर खेद है, और उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह गुस्से और दुख में थे. उन्होंने कहा, "मैं बस एक गरीब आदमी की रिपोर्ट (डॉक्टर के खिलाफ) दर्ज कराना चाहता था. जांच करना और रिपोर्ट (एफआईआर) लिखना पुलिस का कर्तव्य है." 

प्रदीप पटेल: विधायक जी हुए दंडवत...

एक दिन पहले मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल एसपी कार्यालय में दंडवत हो गए थे. उन्होंने एएसपी अनुराग पांडे से कहा कि गुंडों से मर्डर करवा दो.  विधायक ने आरोप लगाया कि शराब माफिया को पुलिस सरंक्षण दे रही है. उनका ऐसा करते हुए वीडियो भी वायरल हुआ. इसमें मऊगंज के विधायक को पांडे से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने और अन्य पुलिस अधिकारियों ने गुंडों से उन्हें 'मार' डालने के लिए कहा है. वीडियो वायरल होने के बाद उन्होंने कहा कि नशा के कारोबार के खिलाफ कई बार उन्होंने शिकायत की लेकिन अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. 
उनके समर्थन में पाटन से विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने सोशल मीडिया पर लिखा - ‘प्रदीप जी आपने सही मुद्दा उठाया है, पर क्या करें? पूरी सरकार शराब ठेकेदारों के आगे दंडवत है. 

प्रदीप लारिया: अवैध शराब बिक्री और जुए से परेशान 

नरियावली से बीजेपी विधायक प्रदीप लारिया अवैध शराब बिक्री और जुए परेशान होकर खुद थाने पहुंचे. उन्होंने कहा कि पुलिस अनदेखी कर रही है. चार बार के बीजेपी विधायक को पुलिस से इस तरह गुहार लगानी पड़ी. प्रदीप लारिया ज्ञापन लेकर एसपी कार्यालय पहुंचे. उनके साथ बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची थीं. 

संजय पाठक:  आधार कार्ड से छेड़छाड़, जान को खतरा...

पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक संजय पाठक की शिकायत है कि उनके आधार कार्ड से छेड़छाड़ हुई है. कुछ संदिग्ध उनके घर के आसपास घूमते हैं उनकी जान को खतरा है. इसे लेकर कांग्रेस वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने तंज भी कसा. 
हालांकि NDTV से बातचीत में पाठक ने कहा कि उनके आधारकार्ड में उनकी जानकारी के बिना पता परिवर्तित कर दिया गया है, जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस से की और मामले पर पुलिस चार दिन के अंदर ही आरोपी तक पहुंच चुकी है. उनके आधार कार्ड में पता कटनी की बजाय चंडीगढ़ हो जाने की जानकारी पर उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी. वहीं उन्होंने जान को खतरा वाले बयान पर कहा कि उनकी जान को खतरा नहीं, बल्कि उन्होंने कहा था कि कोई षडयंत्र है, उनके आधारकार्ड में पता बदलकर कोई साजिश की जा रही है.

गोपाल भार्गव: क्या हम रावण दहन के अधिकारी हैं? 

गढ़ाकोटा से बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव का सोशल मीडिया पोस्ट भी विवादों में है. उन्होंने तो यहां पर ये तक लिखा दिया, “वर्तमान परिवेश में क्या हम रावण दहन के अधिकारी हैं.” उन्होंने महिला विरोधी अपराधों को लेकर यह पोस्ट किया था. उन्होंने बाद में इस पर मीडिया से कहा कि जो उनकी पोस्ट को नहीं समझ पाए, उन्हें तकलीफ है कि उनका बौद्धिक स्तर कितना है. भार्गव ने कहा, “मैंने अपने मन के भाव को सोशल मीडिया के जरिए प्रकट किया था. आज हमारा परिवेश किस प्रकार का है. हर दिन न्यूज में बच्चियों और महिलाओं के दुष्कर्म से जुड़ी घटनाएं पढ़ने सुनने को मिलती हैं. एक ऐसा राज्य बता दो जहां रेप की घटनाएं नहीं हो रही हों.” 

कांग्रेस को मिला मौका, क्या बोली बीजेपी? 

बीजेपी नेताओं के इन सार्वजनिक बयानबाजियों और ऐसे घटनाक्रमों के बीच अब कांग्रेस को हमलावर होने का बखूबी मौका मिल गया. कांग्रेस इसे अंदरूनी झगड़ा करार दे रही है. पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकेश नायक ने कहा, “पहले हम कहते थे, तो वीडी शर्मा कहते थे कि ये बीजेपी को मध्य प्रदेश को बदनाम कर रहे हैं. अब उनके दर्जन भर विधायक उन विषयों को उठा रहे हैं, जिनको हम उठाते थे, तब वो अब क्या कहेंगे?” 

दूसरी ओर बीजेपी इसे सामान्य मानकर चल रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने कहा कि घर में चार सदस्य हैं तो आपस में बातचीत भी तो करते हैं. बीजेपी ऐसा दल है, जहां पद्धति पर आधारित काम किया जाता है. पटैरिया जी ने तो एक मिनट में ही कह दिया कि सब कुछ ठीक है. शर्मा ने कहा, “बीजेपी में अनुशासन बरकरार है.” 

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