
Madhya Pradesh Elections 2023: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) राज्य में चम्बल क्षेत्र के शिवपुरी जिले में शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र है, जो अनारक्षित है. इस साल 2023 के चुनावों में शिवपुरी विधानसभा से BJP को बहुमत हासिल हुई है. BJP से देवेन्द्र कुमार जैन मैदान में उतरे थे जिन्हें कुल 112324 वोट हासिल हुए. वहीं, विपक्षी दल की बात करें तो कांग्रेस से केपी सिंह को टिकट दिया गया था. शिवपुरी विधानसभा से कांग्रेस को कुल 69294 वोट हासिल हुए. BJP विधायक देवेन्द्र कुमार ने केपी सिंह को 43030 मतों से शिकस्त दी. वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने भी अबरन सिंह को मैदान में उतारा था जो कुल 10703 वोट अपने नाम कर पाए.
साल 2018 में भी BJP ने जमाया कब्ज़ा
पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 230818 मतदाता थे, जिन्होंने BJP के प्रत्याशी यशोधरा राजे सिंधिया को 84570 वोट देकर जिताया था. उधर, कांग्रेस उम्मीदवार सिद्धार्थ लढ़ा को 55822 वोट हासिल हो सके थे, और वह 28748 वोटों से हार गए थे. साल 2023 में भी इस शिवपुरी विधानसभा पर BJP ने कब्ज़ा जमाया. पिछले बार की मुकाबले, इस बार के BJP का वोट प्रतिशत भी ज़्यादा रहा. वहीं, कांग्रेस ने केपी सिंह पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतार लेकिन वो पार्टी की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए. नतीजतन शिवपुरी विधानसभा पर BJP ने परचम लहराया.
ये भी पढ़ें - MP Election Results 2023: BJP की जीत के नायक रहे CM शिवराज, जानें 'पांव-पांव वाले भैया' और 'मामा' का सियासी सफर
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में मध्य प्रदेश में 114 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खाते में 109 सीटें आई थीं. बाद में कांग्रेस ने 121 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल के सामने पेश किया और कमलनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली. लेकिन डेढ़ साल में ही राज्य में नया राजनीतिक तूफ़ान खड़ा हो गया, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ BJP में शामिल हो गए. इससे BJP के पास बहुमत हो गया और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए. हालांकि इसके बाद राज्य में 28 सीटों पर उपचुनाव हुए और BJP 19 सीट जीतकर मैजिक नंबर के पार जा पहुंची.
ये भी पढ़ें - मध्यप्रदेश में इन वजहों से चुनाव में हारी कांग्रेस, कमलनाथ समेत ये हैं 5 बड़े फैक्टर