
Chanderi Assembly: अशोकनगर (Ashok Nagar) जिले से ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के BJP में जाने के बाद यदि कांग्रेस (Congress) में कोई नेता था तो वह विधायक गोपाल सिंह चौहान (MLA Gopal Singh Chauhan) थे. विधायक गोपाल सिंह चौहान चंदेरी विधासनभा से कांग्रेस के लगातार के दो बार के विधायक रह चुके थे. जिन्होनें अशोकनगर जिले में न केवल कांग्रेस को दोबारा खड़ा किया बल्कि पूरे चुनाव प्रचार के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया को जमकर घेरते नज़र आए. गोपाल सिंह चौहान मंच पर से ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीधे चुनौती देते नजर आते थे. साथ ही वो हर मंच से जिले की तीनों सीट जिताने का दावा भी थे. लेकिन फिर भी वह अपनी सीट नहीं बचा पाए. बता दें कि राज्य में चम्बल क्षेत्र के गुना लोकसभा (Guna Lok Sabha) में चंदेरी विधानसभा क्षेत्र है, जो अनारक्षित है.
गोपाल सिंह 21 हजार वोटों से छूटे पीछे
इनको BJP के नेता जगन्नाथ सिंह ने 21 हजार से अधिक मतों से करारी शिकस्त दी और यह एक भी राउंड नही जीत पाए. बात की जाए साल 2018 के मुकाबले की तो गोपाल सिंह चौहान ने त्रिकोणीय मुकाबले में BJP के भूपेंद्र द्विवेदी को 5 हजार से ज़्यादा वोटों से हराया था. गोपाल सिंह को BJP के भूपेंद्र द्विवेदी से 45106 वोट और सपा के राजकुमार यादव को 34 302 वोट मिले थे. वहीं इसके विपरीत बात की जाए 2023 विधानसभा चुनाव परिणाम की तो कांग्रेस के गोपाल सिंह को 63296 तो भाजपा के जगन्नाथ सिंह रघुवंशी को 85064 वोट मिले और गोपाल सिंह को 21 हजार से वोटों से हार का सामना करना पड़ा.
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क्या सिंधिया को चुनौती देना पड़ा भारी?
इस सीट पर जिस तरह गोपाल सिंह चौहान को करारी हार मिली है;.... उसे देखकर कहा जा सकता है कि चुनावी सभाओं में इनका सिंधिया को टारगेट करना इन्हें महंगा पड़ गया. इधर, सिंधिया ने भी इस जिले में लगातार ताबड़तोड़ सभाएं करके कांग्रेस को कांटे की टक्कर दी. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूरे जिले में कांग्रेस की हालत 2018 के मुकाबले पतली कर दी. जहां 2018 में कांग्रेस ने जिले की तीनों सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, इस बार सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा और कांग्रेस के गढ़ कहे जाने वाली चंदेरी विधानसभा सीट से गोपाल सिंह चौहान को हार का सामना करना पड़ा.
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