
मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए 17 नवंबर को मतदान होगा. इससे पहले मध्य प्रदेश में भाजपा को लगातार झटके पर झटके लग रहे हैं. हालत ये है कि चुनाव से ठीक पहले भाजपा के नेता पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं. इसी कड़ी में अशोक नगर के भाजपा नेता सुरेश रघुवंशी (Suresh Raghuvanshi) ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया है. वहीं, जबलपुर शहर इकाई के प्रमुख प्रभात साहू ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस में किया शामिल
सुरेश रघुवंशी को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस का पट्टा ओढ़ाकर पार्टी में शामिल किया. इस अवसर पर कांग्रेस नेता डॉ. आशीष अग्रवाल गोलू भी उपस्थित थे. सुरेश रघुवंशी चंदेरी विधानसभा क्षेत्र से है. माना जा रहा था कि वो भाजपा के प्रबल दावेदार थे. बताया जाता है कि सर्वे में भी टॉप पर उनका नाम था, लेकिन इसके बाद टिकट नहीं मिलने से आहत होकर उन्होंने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया है.
ऐसी है सुरेश की पृष्ठभूमि
सुरेश, अखंड रघुवंशी समाज के प्रदेश मंत्री और अशोक नगर जिले के रघुवंशी युवा परिषद के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा वह बीजेपी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ पूर्व जिला संयोजक और विधानसभा विस्तारक जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों को संभाल चुके हैं.
अमित शाह की बैठक के बाद भी छोड़ी पार्टी
वहीं, भाजपा की जबलपुर शहर इकाई के प्रमुख ने भी अपने स्थानीय कार्यालय में 21 अक्टूबर को हुई घटना को लेकर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. प्रभात साहू का इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पार्टी में कड़वाहट को कम करने और राज्य में अगले महीने की चुनावी लड़ाई के लिए कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए यहां दो बार बैठक करने के एक दिन बाद आया है.
प्रदेश अध्यक्ष को सौंपा इस्तीफा
पार्टी छोड़ने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाने वाले ओबीसी नेता साहू ने कहा ने 21 अक्टूबर को भाजपा कार्यालय के अंदर हुई घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की निष्क्रियता से मैं आहत हूं. साहू ने कहा कि उन्होंने रविवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.
पार्टी कार्यकर्ता की हरकत से हैं आहत
जबलपुर जिले की उत्तर मध्य सीट से टिकट नहीं मिलने पर एक भाजपा नेता के समर्थकों ने 21 अक्टूबर को शहर के पार्टी कार्यालय में केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव से धक्का-मुक्की की थी. उन्होंने मौके पर मौजूद एक सुरक्षा गार्ड के साथ भी मारपीट की थी. साहू ने कहा कि वह इस बात से निराश हैं कि उनके कार्यालय में एक केंद्रीय मंत्री के सामने ऐसी घटना हुई.
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विद्रोही नेता से शाह के मिलने पर बढ़ी नाराजगी
उन्होंने कहा, जिस व्यक्ति के समर्थकों ने कथित तौर पर पार्टी कार्यालय में हंगामा किया, उसे शनिवार भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह से मिलने का समय दिया गया. साहू ने कहा कि पार्टी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें महत्व दे रही है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और घटना की फुटेज जांच के लिए उपलब्ध है.
टिकट नहीं मिलने से भी है नाराज
साहू ने कहा कि अगर मैं इस घटना में शामिल पाया गया, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. मैंने इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की है. उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान मेरे नेता हैं और जीवन भर मेरे नेता रहेंगे.
सूत्रों के मुताबिक, साहू जबलपुर पश्चिम या जबलपुर उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र से टिकट पाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सफल नहीं हुए.
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