
Loksabha Election Result: मध्य प्रदेश में इस बार कांग्रेस बुरी तरह हारी है. छत्तीसगढ़ में एक सीट ने लाज बचाई है. इन दोनों ही प्रदेशों में हार का सामना करने के बाद अब कांग्रेस में मंथन का दौर शुरू होगा. इससे पहले हम आपको बताते हैं कि दोनों ही प्रदेशों में बुरी तरह से हारने वाली कांग्रेस को आखिर किन मुद्दों ने चोट पहुंचाई है?
नई सोच के साथ करना पड़ेगा
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार की जिम्मेदारी PCC चीफ जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने ली है. एक बयान में जीतू पटवारी ने कहा कि जनता ने मैसेज दिया है कि हम कमियां सुधारें. अध्यक्ष होने के नाते मैं इसकी ज़िम्मेदारी लेता हूं. मध्य प्रदेश में जरूर निराशाजनक हैं. हम निराश, दुखी, चिंतित हैं. पार्टी को नए दौर में लड़ने के लिए सबको मिलकर एक नई सोच के साथ करना पड़ेगा.

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इधर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने एक सीट जीतकर साख ज़रूर बचाई है. लेकिन यहां इस बार एक सीट का नुकसान हो गया है. यहां भी लोकसभा चुनाव के वक़्त कई मुद्दे बहुत हावी रहे. जो कांग्रेस के हार की वजहों में शामिल हो सकते हैं. बता दें कि इस बार का लोकसभा चुनाव मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षों के लिए पहला चुनाव था. दोनों के लिए बड़ी परीक्षा थी. लेकिन दोनों ही सफल नहीं हों पाए.

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हमें बेहतर परिणाम की अपेक्षा थी
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में चुनाव परिणाम हमारे अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं आए हैं . हमें बेहतर परिणाम की अपेक्षा थी. राज्य में आए इस चुनाव परिणाम से निराश जरूर हैं, लेकिन हताश नहीं. हमारे कार्यकर्ताओं, नेताओं ने बढ़िया लड़ाई लड़ी है. आगे भी राज्य में मजबूत विपक्ष के रूप में हम जनसरोकारों के लिये संघर्ष जारी रखेंगे. कांग्रेस पार्टी जनता की आवाज को मजबूती से उठाने को प्रतिबद्ध हैं.
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