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Lokrang Mahotsav 2025: 17 राज्यों के जनजातीय लोक नृत्य और 300 वाद्य यंत्र, 40वें लोकरंग में ये सब कुछ है खास

MP News :  लोकोत्सव ’लोकरंग’ इस बार बेहद ही खास है. जानें भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित इस ’लोकरंग’ में क्या क्या खास होगा. 

Lokrang Mahotsav 2025: 17 राज्यों के जनजातीय लोक नृत्य और 300 वाद्य यंत्र, 40वें लोकरंग में ये सब कुछ है खास

MP Lokrang Mahotsav 2025 : मध्य प्रदेश की राजधानी चार दिनों तक लोकरंग के रंगों से सराबोर रहेगी. आम लोगों और कलाकारों में लोकरंग को लेकर एक अलग ही उत्सव दिख रहा है. बात दें,  40वें लोकोत्सव 'लोकरंग' का आयोजन 26 से 30 जनवरी तक रवींद्र भवन परिसर, में किया जा रहा है. राज्यपाल  मंगुभाई पटेल लोकरंग महोत्सव का शुभारंभ करेंगे.  सीएम डॉ. मोहन यादव भी उपस्थिति रहेंगे. संचालक संस्कृति एन.पी नामदेव ने बताया कि समारोह के पहले दिन 26 जनवरी, 2025 को शुभारंभ अवसर पर वीरांगना रानी दुर्गावती नृत्य-नाट्य की प्रस्तुति दी जाएगी.समारोह में पारंपारिक नृत्य, गायन-वादन, शिल्प और व्यंजन मेला भी लगेगा.

लोकरंग के 40 वर्षों की यात्रा को ऐसे दिखाएंगे 

समारोह में करीब 300 से अधिक शास्त्रीय, लोक और जनजातीय पारंपरिक वाद्ययंत्रों को प्रदर्शित करती बहुवर्णी वाद्य प्रदर्शनी का भी संयोजन का जा रहा है. सोमवार 27 जनवरी को लोकरंग के 40 वर्षों की यात्रा का 40 वाद्यों की संगति में नाद समन्वित प्रस्तुति भी दी जाएगी, जिसका निर्देशन सितार वादिका स्मिता नागदेव कर रही हैं. लोकवार्ता में संस्कृति विभाग के प्रकाशन, परम्परा में वाद्य विषयक संगोष्ठी भी आयोजित होगी. समारोह के अंतिम दिन 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर माधवास रॉक बैंड, वृंदावन की भक्ति संगीत की प्रस्तुति देंगे.     

लोक राग - देश राग

'लोकराग' अंतर्गत 27 से 29, जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से आंचलिक गायन की प्रस्तुति दी जाएगी. जिसमें 27 जनवरी को बघेली लोक गायन, 28 जनवरी को बुंदेली लोक गायन, 29 जनवरी को मालवी एवं निमाड़ी लोक गायन की प्रस्तुति होगी.  वहीं, 27 से 29 जनवरी तक सायं 06 बजे से 'देशराग' अंतर्गत 27 जनवरी को जितेंद्र चौरसिया एवं साथी, महोबा द्वारा आल्हा गायन, 28 जनवरी को  जस्सु मांगणियार और साथी, जयपुर द्वारा मांगणियार लोक गायन, 29 जनवरी को  रश्मि प्रिया झा एवं साथी, मुंबई द्वारा मैथिली लोक गायन की प्रस्तुति दी जाएगी.

धरोहर - देशातंर

'धरोहर' गतिविधि में मध्यप्रदेश एवं अन्य 16 राज्यों के जनजातीय एवं लोक नृत्यों का प्रदर्शन किया होगा, जिसमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मणिपुर, झारखंड, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर, केरल के नृत्यों की प्रस्तुति होगी. 'देशान्तर' गतिविधि में 27 से 29 जनवरी तक क्रमशः पेरिस, लेबनान, जर्मनी के सांस्कृतिक दलों द्वारा नृत्य प्रस्तुति दी जाएगी.

शिल्प मेला

लोकरंग में विविध प्रकार के शिल्पों के मेले की एक विशिष्ट पहचान है. इस बार पारम्परिक शिल्पियों द्वारा शिल्प मेले में पारम्परिक शिल्पों की बिक्री व प्रदर्शन किया जाएगा.

बैगा, कोरकू, मालवी व्यंजन का स्वाद

लोकरंग के विशाल परिसर में एक आकर्षण व्यंजन मेले का भी है. इस बार 15 जनजातीय और क्षेत्रीय व्यंजनकार भाग लेकर अपने व्यंजनों को प्रस्तुत करेंगे, जिसमें भील, बैगा, कोरकू, मालवी, बुंदेली, मराठी व्यंजन होंगे.

उल्लास

लोकरंग में बच्चों के लिए कठपुतली कला और युद्ध कलाओं का प्रदर्शन होगा, जिसमें कलरीपायट्टू, अखाड़ा, गतका, पाइका एवं मर्दानी खेल की प्रस्तुति का संयोजन किया जाएगा.

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