
MP News in Hindi: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के बोड़ा कस्बे में शनिवार को शांति समिति की बैठक में लिए गए फैसले के बाद ला. मां शीतला माता लीकर ग्रुप कंपोजिट देशी और अंग्रेजी शराब दुकान को शाम 7 बजे सील कर दिया गया. यह कार्रवाई जनप्रतिनिधियों और रहवासियों की मांग की गई. हालांकि 8:30 बजे नरसिंहगढ़ से पहुंची आबकारी सब इंस्पेक्टर ने आधा घंटे की बहस के बाद शराब दुकान खोल दी.
शांति समिति बैठक में उठा ठेका का मुद्दा
शनिवार शाम थाना परिसर में शांति समिति की बैठक आयोजित हुई, जिसमें नायब तहसीलदार सुनीता सिंह, थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार शर्मा, पूर्व विधायक धूल सिंह यादव, भाजपा मंडल अध्यक्ष सरजन सिंह राजपूत सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे. बैठक में रहवासियों और जनप्रतिनिधियों ने कस्बे के मध्य, मंदिर और अस्पताल के पास स्थित शराब दुकान को हटाने की मांग की.
परेशान थे रहवासी
मोहल्ले के नागरिकों मुकेश यादव, रुक्मिणी बाई, लखन राठौर, बालू राठौर, घनश्याम राठौर, आशा बाई आदि ने अधिकारियों को बताया कि शराब दुकान के कारण क्षेत्र में असामाजिक गतिविधियां बढ़ रही हैं और यह स्थान महिलाओं और छात्रों के लिए असुरक्षित हो गया है.
शराब दुकान के पास भीड़ बनी रहती है, जिससे यातायात बाधित होता है. आए दिन शराब के नशे में लोग हंगामा करते हैं, जिससे रहवासियों को परेशानी होती है. महिलाओं और बच्चों को घर से बाहर निकलने में असुरक्षा महसूस होती है. लोगों ने मांग की है कि शराब दुकान को अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाए, ताकि आमजन को राहत मिले.
प्रशासन ने दुकान सील कर फिर खोली
शिकायतों के बाद नायब तहसीलदार सुनीता सिंह और थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार शर्मा शाम 7 बजे मौके पर पहुंचे और दुकान को सील कर दिया. हालांकि बाद में नरसिंहगढ़ आबकारी अधिकारी पूजा, नायब तहसीलदार सुनीता सिंह, राजस्व अधिकारी हजारी लाल वर्मा और थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने रहवासियों और जनप्रतिनिधियों को समझाइश दी. इसके बाद रात 8:30 बजे दुकान को दोबारा खोल दिया गया और शराब बिक्री शुरू कर दी गई.
कलेक्टर के आदेश के बाद ही बंद हो सकता है ठेका
आबकारी अधिकारी व सब इंस्पेक्टर पूजा ने बताया कि कस्बे में शराब दुकान नियमानुसार स्थापित है और इसे बिना कलेक्टर के आदेश के बंद नहीं किया जा सकता. ठेका 31 मार्च 2025 तक वैध है, जिसके बाद यदि लाइसेंसी और रहवासी चाहेंगे तो इसे अनापत्ति रहित क्षेत्र में स्थानांतरित किया जा सकता है.
अब 1 अप्रैल के बाद रहवासी और लाइसेंसी यदि सहमत होते हैं, तो दुकान को नए स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा. तब तक यह दुकान अपनी पूर्व निर्धारित जगह पर चालू रहेगी. बोड़ा में शराब दुकान को लेकर रहवासियों में असंतोष बना हुआ है. प्रशासन ने पहले दुकान को सील कर दिया, लेकिन बाद में नियमों का हवाला देते हुए फिर से खोल दिया.