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कौन है बड़वानी का ये फूड मैन, जो रोजाना पहुंचा रहे जरूरतमंद लोगों के घरों में फ्री में खाना

Food Man Ajit Jain : फूड मैन अजीत जैन चर्चा में आ गए. इनके किस्से बड़वानी में असानी से सुने जा सकते हैं. लोगों के घरों में फ्री में भोजन पहुंचाकर, पीड़ित, उपेक्षित जनों की सेवा करके इन्होंने समाजसेवा की एक बड़ी मिसाल पेश की है. पढ़ें कैसे शुरू हुई थी फूड मैन की सेवा की ये मुहिम...

कौन है बड़वानी का ये फूड मैन, जो रोजाना पहुंचा रहे जरूरतमंद लोगों के घरों में फ्री में खाना
कौन है बड़वानी का ये फूड मैन, जो रोजाना पहुंचा रहे जरूरतमंद लोगों के घरों में फ्री में खाना.

Food Man Ajit Jain Story :  मध्य प्रदेश, बड़वानी के अमीत जैन को लोगों ने फूड मैन का नाम दिया है. अब फूड मैन का नाम एक बार फिर से चर्चा में आ गया.  शहर में लोग उन्हें "फूड मैन" के नाम से जानते हैं. दरअसल ,बड़वानी के अजीत जैन प्रतिदिन 200 गरीब और असहाय लोगों के घरों तक निशुल्क भोजन पहुंचते हैं.  उन्होंने यह कार्य कोरोना महामारी के समय शुरू किया था. उसके बाद से लगातार वह इस काम में सक्रिय हैं. उनके इस नेक काम को देखकर अब उन्हें जन सहयोग में मिलने लगा.

बेसहारा और भटके हुए लोगों का बने सहारा

मिली जानकारी के अनुसार, अजीत के दादा भी समाजसेवी थे. अपने दादा के नक्शे कदम पर अजीत ने भी सालों पहले अपना कदम बढ़ाया था. अजीत अक्सर अस्पतालों और बस स्टेशनों पर बेसहारा और भटके हुए लोगों को अपने घरों तक भेजने पहुंचते नजर आते हैं. अभी तक अजीत जैन ने 200 से अधिक भटके हुए लोगों को और मानसिक रूप से विक्षिप्त लोगों को अपने परिवारों से मिलवाया चुके हैं. वहीं, ऐसे कई परिवार हैं, जो एक वक्त की रोटी नहीं जुटा पाते, उनके घर तक प्रतिदिन भोजन पहुंचाने का भी काम करते हैं.

अंतिम संस्कार भी करते हैं

कोरोना जैसी महामारी में जब कोई किसी के काम नहीं आ रहा था, उस वक्त अजीज जैन की बड़वानी शहर में एक अलग ही भूमिका निभाई. कोरोना काल में सारे रास्ते तो बंद थे. लेकिन अजीत जैन गरीबों को भोजन पहुंचाने में पीछे नहीं हटे. कोरोना कल में जिन लोगों की मौत हुई, और जो लोग अपने परिवार के सदस्यों का अंतिम संस्कार नहीं कर पाए, ऐसे लगभग 200 से भी ज्यादा लोगों का विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार कर उनकी अस्थियों को नर्मदा में भी विसर्जित भी किया.

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मानसिक विक्षिप्त लोगों को उनके परिजनों से भी मिलवाते हैं अजीत

वहीं, इस क्षेत्र में कई प्रकार के मानसिक विक्षिप्त लोगों को भी जो भटके हुए थे, उन्हें नहला कर उनका अस्पताल में इलाज करवाया, फिर उनके परिवार के पास भेज दिया. ऐसे अजीत जैन के साथ लगभग 10 लोग फिलहाल कम कर रहे हैं, जो भोजन बांटना, मानसिक विक्षिप्त लोगों की सूचना देना, और उन्हें परिवारों से मिलने में सहायता करते हैं.

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