
Karmchari Kalyan Kosh Yojna MP: “शिक्षकों के लिए- शिक्षकों द्वारा” शुरू की गई कर्मचारी कल्याण कोष योजना तेजी से लोकप्रिय हो रही है. अब तक 12,000 से अधिक शिक्षक पूरे प्रदेश में इस योजना से जुड़ चुके हैं. संगठन के अनुसार, यह योजना शिक्षकों के परिवारों के सुरक्षित भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है. नीमच जिले में भी योजना को लेकर शिक्षकों में उत्साह देखने को मिल रहा है अब तक इस योजना में 900 से अधिक शिक्षक पंजीयन करवा चुके हैं.
कर्मचारी कल्याण कोष योजना की प्रमुख बातें
पंजीकरण पूरी तरह नि:शुल्क है और किसी प्रकार का मासिक या वार्षिक शुल्क नहीं लिया जाता. यदि किसी पंजीकृत शिक्षक का निधन हो जाता है और उनका पंजीकरण कम से कम तीन माह पुराना है, तो उनके परिवार (नॉमिनी) को सीधे आर्थिक सहायता दी जाती है. फिलहाल प्रारंभिक सहयोग राशि 2 लाख रुपये निर्धारित है, जिसे भविष्य में 25 लाख रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है.
योजना की खासियत यह है कि किसी सदस्य की मृत्यु की स्थिति में प्रदेशभर से पंजीकृत शिक्षक साथी 100 रुपये का अंशदान करते हैं. तो हजारों साथियों के सहयोग से मृतक शिक्षक के परिवार को लाखों रुपये की सहायता राशि मिलती है. यह मदद परिवार के लिए एक मजबूत संबल साबित होती है, क्योंकि वर्तमान शिक्षकों को पेंशन का प्रावधान नहीं है.
नीमच जिले में उत्साह
नीमच जिले में भी शिक्षकों में इस योजना को लेकर उत्साह बढ़ रहा है. जिले के प्रभारी और शासकीय माध्यमिक विद्यालय हरवार के शिक्षक अशोक पिछोलिया ने बताया कि अब तक जिले से 900 से अधिक शिक्षक योजना से जुड़ चुके हैं और प्रतिदिन नए सदस्य इसमें शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हमारी प्रार्थना है कि भगवान किसी को ऐसी परिस्थिति में न डाले. लेकिन यदि दुर्भाग्यवश कुछ होता है, तो यह योजना मृतक शिक्षक के परिवार के लिए सशक्त आर्थिक सहारा बनेगी.'
संगठन ने महिला प्रकोष्ठ और पदाधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी है. जिले में करीब 3,000 शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं, जिन्हें सदस्य बनाने का अभियान चल रहा है. संगठन का लक्ष्य है कि पूरे प्रदेश में जल्द से जल्द 50,000 पंजीकरण पूरे किए जाएं, ताकि सहायता राशि और भी मजबूत बन सके.