MP News: मध्य प्रदेश के शहडोल (Shahdol) जिले से पारिवारिक संस्कारों पर सवाल उठाने वाला मामला सामने आया है. यहां के ब्यौहारी कस्बे के कछियांन टोला के रहने वाले 65 वर्षीय रामस्वरूप बर्मन की मौत होने पर उसका इकलौता बेटा मनोज अपने पिता को मुखाग्नि (Cremation Fire) देने के लिए आया ही नहीं... मृतक रामस्वरूप की पत्नी, यानी मनोज की मां पार्वती बर्मन उसे बुलाती रही, लेकिन कलयुगी बेटा (Kalyugi Beta) अपने पिता को मुखाग्नि देने के लिए अंतिम संस्कार में नहीं आया. तब पार्वती ने खुद अपनी दो बेटियों के साथ दिल पर पत्थर रखकर अपने पति का अंतिम संस्कार किया. रिश्तों को तार-तार कर देने वाली ये घटना ने ब्यौहारी की है. इसके बाद महिला अपने बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस के पास पहुंची, लेकिन पुलिस ने भी उसकी मदद नहीं की.
अक्सर होती थी पिता से लड़ाई
रामस्वरूप बर्मन के बेटे मनोज बर्मन की शादी हो गयी थी और वह अलग रहता था. आये दिन वह अपने पिता से पैसे की मांग को लेकर लड़ता-झगड़ता रहता था. पिता की मौत के एक दिन पहले वह घर आया था और पिता से डेढ़ लाख रुपयों की मांग की थी. पिता ने कहा था मेरे पास इतने रुपये नहीं है, तो मनोज ने कहा जमीन बेचकर पैसे दो. इसी बात से वह पिता से लड़-झगड़ कर चला गया. दूसरे दिन पिता की मौत हो गई... पिता की मौत के बाद मनोज को उसकी मां फोन करके बुलाती रही, लेकिन वह नहीं आया. तब मृतक रामस्वरूप की पत्नी ने स्वयं अपनी दो बेटियों के साथ मिलकर अपने पति की चिता को अग्नि दी.
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नहीं मिली थाने से मदद
पति का अंतिम संस्कार करने के बाद मृतक रामस्वरूप की पत्नी पार्वती ब्यौहारी थाने पहुंची. वह कलयुगी बेटे की शिकायत थाने में करने पहुंची, लेकिन पुलिस ने भी पार्वती की शिकायत हस्तछेप अयोग्य कहकर (नान कंजेबल) थाने से वापस कर दिया. अंततः पार्वती को थाने से भी कोई राहत नहीं मिली.
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