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किरण राज लक्ष्मी कैसे बनीं माधवी राजे सिंधिया? जानें राजमाता का नेपाल राजघराने से क्या है संबंध

Madhavi Raje Scindia Passes Away: कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ शादी से पहले माधवी राजे प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी के नाम से जानी जाती थी.

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किरण राज लक्ष्मी कैसे बनीं माधवी राजे सिंधिया? जानें राजमाता का नेपाल राजघराने से क्या है संबंध

Madhavi Raje Scindia Death: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया (Madhavi Raje Scindia Passes Away) का निधन हो गया. राजमाता माधवी राजे सिंधिया 70 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स (AIIMS) में आखिरी सांस ली. 15 मई की सुबह 9.28 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली. सिंधिया परिवार की राजमाता बीते कुछ दिनों से एम्स में वेंटिलेटर पर थीं. बता दें कि माधवी राजे शादी से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी के नाम से जानी जाती थी. ऐसे में यहां जानते हैं माधवी राजे सिंधिया के बारे में कुछ रोचक तथ्य-

नेपाल राजघराने से ताल्लुक रखती थीं माधवी राजे सिंधिया

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया नेपाल के एक राजघराने से ताल्लुक रखती थीं. उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा (Bir Shumsher Jung Bahadur Rana) नेपाल के प्रधानमंत्री थे. वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ शादी से माधवी राजे का नाम प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी था. साल 1966 में माधवराव सिंधिया (Madhavrao Scindia) के साथ उनका विवाह हुआ, जिसके बाद वो माधवी राजे सिंधिया कहलाने लगीं. 

इस तस्वीर में

इस तस्वीर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बचपन में अपनी मां माधवी राजे सिंधिया के गोद में नजर आ रही हैं.

दरअसल, मराठी परंपरा के मुताबिक, शादी के बाद नाम बदलने की परंपरा होती, जिसके बाद किरण राज्यलक्ष्मी से नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था. पहले वो महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता (Rajmata Madhavi Raje) के नाम से संबोधित किया जाने लगा.

शादी के लिए चलवाई थी स्पेशल ट्रेन

60 के दशक में सिंधिया परिवार में नेपाल राजघराने से शादी का प्रस्ताव आया था, जिसे ग्वालियर घराने ने स्वीकार कर लिया था. वहीं माधवराव सिंधिया और माधवी राजे की शादी 8 मई, 1966 को दिल्ली में धूमधाम से हुई थी. शादी के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग ग्वालियर से भी शामिल हुए थे. बारात के लिए ग्वालियर से दिल्ली के बीच एक स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी, जिससे मेहमान दिल्ली पहुंचे थे.

शादी से पहले मिलने की हसरत नहीं हुई थी पूरी

माधवराव सिंधिया के विवाह के लिए देशभर के कई राजघरानों से विवाह प्रस्ताव आए थे, लेकिन परिवार को नेपाल के राजवंश की बेटी किरण राज लक्ष्मी सिंधिया के लिए पसंद आई. हालांकि शादी से पहले माधवराव सिंधिया अपनी होने वाली पत्नी से मिलना चाहते थे, लेकिन उनकी यह तमन्ना पूरी न हो सकी और दोनों एक दूसरे से मिले बिना ही विवाह कर लिया. 

ये भी पढ़े: ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां राजमाता माधवी का निधन, दिल्ली के एम्स में ली आखिरी सांस

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