
Gwalior University Scam: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय (Jiwaji University) आए दिन विवादों में घिरा रहता है. अब नया मामला परीक्षा सेंटरों (Exam Centers) को तय करने का सामने आया है. यूनिवर्सिटी ने एक बार फिर उन निजी कॉलेजों को परीक्षा सेंटर बना दिया है, जो पहले सामूहिक नकल के मामले में बदनाम रह चुके हैं... इन्हीं विवादों के कारण दो माह पहले जीवाजी यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलगुरू डॉ. अविनाश तिवारी की बर्खास्ती भी हुई. लेकिन, उसके बाद भी जीवाजी के कार्यशैली में कोई सुधार नही हुआ. नए कुलगुरू भी निजी कॉलेजों के परीक्षा सेंटर (Jiwaji University Exam Centers) बनाएं जाने के मामले में जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं.

निजी कॉलेजों को बनाया गया परीक्षा सेंटर
वादों के बाद भी काम अधूरा
मुरैना ओर भिंड जिले के निजी कॉलेजों से जीवाजी यूनिवर्सिटी के पिछले सत्र में जमकर सामूहिक नकल के वीडियो सामने आए थे. जिसके बाद तत्कालीन कुलगुरू प्रोफेसर अविनाश तिवारी ने फैसला लिया था कि आगे से किसी भी निजी कॉलेज को परीक्षा सेंटर नहीं बनाया जाएगा. आगे से सभी परीक्षा सरकारी भवन और सरकारी कॉलेजों में होगी. इसके लिए आईटीई, पॉलिटेक्निक और सरकारी स्कूलों को जीवाजी विश्वविधालय अधिग्रहण किया जाएगा. लेकिन, ऐसा हुआ कुछ नहीं... इस सत्र में फिर से कई दागदार निजी कॉलेजों को परीक्षा सेंटर बना दिया गया है, जिस पर हंगामा शुरू हो गया है.
लगातार हो रहा जमकर विरोध
जीवाजी यूनिवर्सिटी में छात्र संगठनों के साथ यूनिवर्सिटी के कार्यपरिषद के सदस्य भी निजी कॉलेजों को परीक्षा सेंटर बनाएं जाने का विरोध कर रहे हैं. बावजूद इसके, सेंटर बना दिए गए है. एक तरफ सेंटर निर्धारण में धांधली के मामले को लेकर एनएसयूआई नेता भड़क उठे हैं, तो वहीं नए कुलगुरू डॉ. राजकुमार आचार्य पहले तो मीडिया से भागते नजर आएं. उसके बाद वह कहते है कि सरकारी स्कूल और कॉलेजों में उनकी परीक्षाएं चल रही हैं, इसलिए निजी कॉलेजों को परीक्षा सेंटर बनाना पढ़ रहा है.

कॉलेजों की दूरी बहुत अधिक
दतिया, मुरैना और भिंड जिले में कई ऐसे कॉलेज सामने आए हैं, जिनके परीक्षा केंद्र 30 से 60 किमी दूर बना दिए गए हैं. ऐसे मामलों को लेकर जेयू प्रशासन के पास तीन दर्जन से ज्यादा शिकायतें पहुंची हैं. शनिवार को परीक्षा निर्धारण कमेटी ने बैठक भी की. लेकिन, परीक्षा केंद्रों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है. इससे साफ है कि 27 मार्च से जेयू द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाएं अव्यवस्थाओं के बीच होंगी.
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भ्रष्टाचार के भी लग रहे आरोप
परीक्षा केंद्र निर्धारण में जीवाजी हमेशा से संदेह और आरोपों के घेरे में रहा हैं. इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं. इसके बावजूद भी इसमें कोई सुधार नहीं हुआ है. लेकिन, जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजकुमार आचार्य इसके पीछे अपनी लाचारी बताते हैं. उनका कहना हैं कि उनके पास जो कॉलेज और संसाधन हैं, उन्हीं में से परीक्षा केंद्रों का निर्धारण करना होता हैं और ऐसा ही किया गया हैं.
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