भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास की ओर से जेईई एडवांस 2024 का रिजल्ट घोषित किया जा चुका है. इसमें इंदौर के वेद लाहोटी ने जेईई-एडवांस्ड में आल इंडिया रैंक-1 हासिल की है, जबकि इंदौर के मान्य जैन को ऑल इंडिया रैंक 75वीं मिली है. मान्य के पिता बिजनेसमैन है. वहीं मां होम मेकर है. मान्य की मां चाहती थी कि बेटा मेडिकल लाइन में जाए, लेकिन पिता की इच्छा थी कि इंजीनियरिंग करें. बेटे का भी मन बायोलॉजी में कम लगता था, इसलिए मैथ्स चुना. इतना ही नहीं एक समय ऐसा भी आया, जब मान्य जैन डिप्रेशन में चला गया था. हालांकि दोस्त, घरवालों और टीचर्स ने मोटिवेट किया, जिसके बाद मान्य डिप्रेशन से बाहर आया.
इंदौर में घर होने के बावजूद मान्य 2 साल तक हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की. इतना ही नहीं अपने परिवार से भी सिर्फ रविवार को मिलता था. दरअसल, मान्य का घर इंदौर के विजयनगर में है, जबकि पढ़ाई करने के लिए गीता भवन जाना पड़ता था. आने-जाने में काफी समय लगता था. साथ ही कोचिंग की टाइम भी चेंज होता रहता था. बता दें कि मान्य ने जेईई की तैयारी 10वीं क्लास से ही शुरू कर दी थी.
मैथ्स लेने की ये थी बड़ी वजह
मान्य ने कहा कि ऑल इंडिया टॉपर वेद लाहोटी मेरा दोस्त है. मैं 7वीं कक्षा में उससे मिला था. 7वीं से 10वीं कक्षा तक हमने इंदौर में साथ में ही पढ़ाई की. फिर वो कोटा चला गया. जब मैं डिप्रेशन में था उसी ने मुझे मोटिवेट किया. वो ओलंपियाड में भी हमेशा टॉप करते हुए आया है. मान्य ने कहा कि मेरे पास दोनों स्ट्रीम खुली हुई थी. मैथ्स या बायो, लेकिन मुझे बायो पढ़ना नहीं था. उसमें मुझे नाम याद करना बिल्कुल भी पसंद नहीं थे, इसलिए मैंने मैथ्स सब्जेक्ट लिया.
मां क्यों चाहती थी मान्य मेडिकल की पढ़ाई करें
मान्य की मां रजनी ने कहा, 'मैं चाहती थी कि मान्य मेडिकल की पढ़ाई करें, लेकिन उसका इंटरेस्ट बायो में नहीं था. हालांकि इसके पापा की इच्छा थी कि बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई करें. उन्होंने कहा कि मान्य का सेंटर भोपाल था और इसे लेकर वो थोड़ा परेशान हो गया था कि ये सब कैसे मैनेज होगा. एग्जाम के एक दिन पहले रात को इसे थोड़ी घबराहट भी हो रही थी, जिसका असर रिजल्ट पर पड़ा.
मां रजनी ने आगे कहा, 'मेंस एग्जाम के रिजल्ट के बाद वो थोड़ा सा हताश हो गया था. उसने कहा कि अब जेईई एडवांस्ड में कैसे टॉप 100 में आ पाऊंगा. कैसे रैंक आएगी? कैसे मुंबई आईआईटी या दिल्ली आईआईटी मिलेगा? मैं समझाती थी कि कोई न कोई आईआईटी मिल जाएगा, इतनी टेंशन नहीं लेना है.'
रविवार को परिवार से होती थी मान्य की मुलाकात
उन्होंने कहा, 'दिन में एक ही बार मान्य से बात होती थी. रात को वो फोन करता था. रात में ही रोजाना बात होती थी और वो संडे को घर आता था. तब मैं उसके लिए स्पेशल पनीर की सब्जी बनाती थी. मीठे में बेटे को काजू कतली पसंद है.
मान्य के पिता अमित जैन ने कहते हैं, 'मैं शिवपुरी का रहने वाला हूं. पढ़ने के लिए इंदौर आया था फिर यहीं बस गया. मेरा कॉमर्स का बैकग्राउंड रहा है. मैंने एमबीए किया है. इलेक्ट्रिक आइटम का बिजनेस है. मैंने ये तय किया था कि पहले बेटा पढ़ेगा. जॉब करना है या बिजनेस करना है ये बेटा ही डिसाइड करेगा, लेकिन कुछ भी करने के लिए एजुकेशन जरूरी है.
अमित जैन ने कहा कि जेईई मेंस का पेपर जनवरी में हुआ था और ठीक गया था, लेकिन रैंक काफी कम आई, जिससे वो तनाव में था. फिर टीचर्स ने इसे मोटिवेट किया. इसने घर आना भी कम कर दिया था. फोन भी यूज करना बंद कर दिया. फिर दोबारा मेंस का पेपर दिया, जिसमें रैंक 517 रही. उसके बाद फोकस करके पढ़ाई की, जिसका नतीजा सबके सामने है.
आईआईटी दिल्ली और मुंबई क्यों स्टूडेंट्स की पहली पसंद?
एलन करियर इंस्टीट्यूट इंदौर के सेंटर हेड कमल शर्मा ने बताया कि मान्य जैन की एआईआर (ऑल इंडिया रैंक) 75वीं और सिद्धार्थ अग्रवाल की एआईआर 306 रही है. मान्य जहां कानपुर जोनल टॉपर है. वहीं सिद्धार्थ की 5वीं रैंक है. संस्थान के वेद लाहोटी एआईआर 1, रिदम केडिया एआईआर 4, राजदीप मिश्रा एआईआर 6 और द्विजा पटेल ने एआईआर 7वीं रैंक हासिल की है. स्टूडेंट्स की पसंद आईआईटी दिल्ली और मुंबई है.
मान्य जैन ने इन टिप्स को फॉलो कर जेईई की तैयारी की
1. मान्य शुरुआत समय में 9 से 10 घंटे पढ़ाई करते थे. हालांकि फिर 13 से 14 घंटे तक पढ़ाई की.
2. पढ़ाई के दौरान खुद को मोटिवेट करना जरूरी.
3. रफ वर्क को हमेशा फेयर वर्क बनाएं.
4. पेपर देते-देते अपने आप को इम्प्रूव करते जाएं.
5. मोबाइल से दूर रहें, खासकर एक्शन गेम से दूर रहना जरूरी.
6. तनाव लेने से हमेशा बचना चाहिए
7. हमेशा अपना 100 परसेंट दें.
8. पढ़ाई पर पूरी फोकस करनी चाहिए.
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