
Madhya Pradesh Assembly: मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नई सरकार ने सोमवार को नई विधानसभा का पहला सत्र (First session of Madhya Pradesh Assembly)आयोजित किया. सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन एक तस्वीर हटाने के चलते बड़ा विवाद पैदा हो गया. दरअसल मध्यप्रदेश विधानसभा में स्पीकर की कुर्सी के पीछे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) की तस्वीर को हटाकर पर डॉ.बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर (Dr.BR Ambedkar) की तस्वीर लगा दी गई है. कांग्रेस का कहना है कि उसे अंबेडकर की तस्वीर लगाने पर कोई आपत्ति नहीं है,लेकिन अध्यक्ष की कुर्सी के पीछे से नेहरू की तस्वीर हटाना भी सही नहीं है.. इससे पहले 15 वीं विधानसभा के आखिरी सत्र से पहले यहां राष्ट्रपिता बापू के साथ पंडित नेहरू की तस्वीर लगी थी. महात्मा गांधी की तस्वीर तो अब भी मौजूद है लेकिन नेहरू की तस्वीर गायब है.

मध्यप्रदेश विधानसभा में पहले ये तस्वीर लगी थी, नेहरू की इसी तस्वीर को हटाने पर विवाद है
इस बदलाव का विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने विरोध जताया है और BJP पर 'इतिहास को मिटाने के लिए दिन-रात जुटे रहने' का आरोप लगाया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने ट्वीट करके कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा से पंडित जवाहरलाल नेहरू का चित्र हटाया जाना अत्यंत निंदनीय है. मैं विधानसभा में बाबा साहेब अंबेडकर का चित्र लगाने का स्वागत करता हूं. बाबा साहेब के चित्र को विधानसभा में सम्मानित स्थान पर लगाया जा सकता था लेकिन जानबूझकर पंडित नेहरू का चित्र हटाया गया.
मध्य प्रदेश विधानसभा से महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, देश के प्रथम प्रधानमंत्री, राष्ट्र निर्माता पंडित जवाहरलाल नेहरू का चित्र हटाया जाना अत्यंत निंदनीय है। मैं विधानसभा में संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर का चित्र लगाने का स्वागत करता हूं। बाबा साहेब के चित्र को विधानसभा…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 19, 2023
उसी तरह नई विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी पूछा है कि क्या तस्वीर हटाने से क्या नेहरू के विचार खत्म हो जाएंगे, बीजेपी चाहती है कि कांग्रेस दलित विरोधी दिखे इस प्रकार की इनकी सोच है.
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उमंग सिंघार
दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस बिना किसी बात को मुद्दा बना रही है. वो एक परिवार को पूजती है. पार्टी नेता इंडर सिंह परमार का कहना है कि अंबेडकर का योगदान नेहरू के योगदान से कहीं ज्यादा है.
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इंदर सिंह परमार
बहरहाल ये तो बात हुई तस्वीर हटाने पर सियासत की. अब आपको बताते हैं कि पूरी कहानी क्या है? दरअसल मध्यप्रदेश विधानसभा में साल 1996 से ही अध्यक्ष की कुर्सी के पीछे की दीवार के दोनों ओर महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर लगी हुई थी. राज्य विधानसभा के अधिकारियों का कहना है कि जुलाई 2023 में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के आदेश पर नेहरू के चित्र को डॉ.बी आर अंबेडकर के चित्र से बदल दिया गया था,क्योंकि वो पेंटिंग खराब स्थिति में थी. मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह का कहना है कि वो तस्वीर अभी किसी ने नहीं हटाई है. 15वीं विधानसभा के कार्यकाल में तत्कालीन अध्यक्ष जी ने निर्देश दिए थे कि ये तस्वीरें पुरानी हो रही हैं तो उन्हें बदल दिया जाए. तब अध्यक्ष ने कहा था कि तब तक अंबेडकर जी की तस्वीर को वहां लगा दिया जाए. इसके बाद प्रथम प्रधानमंत्री जी की तस्वीर को हमारे यहां नेहरू-गांधी कक्ष बना हुआ है उसमें सम्मान के साथ लगाया गया है. ये परिवर्तन नए कार्यकाल में नहीं हुआ है.
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गोपाल भार्गव
बता दें कि ये तस्वीर जुलाई में बदली गई इसलिये 16वीं विधानसभा के चार दिवसीय उद्घाटन सत्र के पहले दिन सोमवार को ये बात सामने आई.फिलहाल इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी बहस शुरू हो गई है. अब देखना ये है कि इसका हल क्या निकलता है?
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