
Crime Against Women in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में बच्चियों और महिलाओं के लापता होने के की गंभीर स्थिति सामने आई है. इससे ज्यादा चौंकाने वाला यह है कि आंकड़े रेप और महिला संबंधी अपराधों से जुड़े आरोपियों के हैं. कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने विधानसभा में सरकार से 1 जनवरी 2024 से 30 जून 2025 के बीच मध्य प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के गुमशुदा होने, दुष्कर्म और यौन अपराधों के मामलों के बारे में पूछा. साथ ही फरार आरोपियों के बारे में सवाल किए.
बाला बच्चन के सवाल पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने विधानसभा में बकायदा लिखित में जवाब दिया है. विधानसभा में दिए गए जवाब के अनुसार, सरकारी दस्तावेज बताते हैं कि 30 जून 2025 तक 21,175 महिलाएं और 1,954 बच्चियां ऐसी हैं, जो एक साल से अधिक समय से लापता हैं. दोनों को मिला दिया जाए तो 23,129 महिलाएं और बच्चियां प्रदेश में लापता हैं. ये गुमशुदगियां महज आंकड़े नहीं हैं, ये अधूरी कहानियां हैं, अधूरे इंसाफ की मिसाल हैं.
कितने आरोपी खुलेआम घूम रहे
- महिलाओं से रेप के आरोप में 292 आरोपी फरार.
- बच्चियों से रेप के मामले में 283 आरोपी फरार.
- दुष्कर्म के आरोप में ही कुल 575 आरोपी मध्य प्रदेश की सड़कों पर घूम रहे हैं , जो कभी भी इस तरह की घटनाओं को दोबारा अंजाम दे सकते हैं.
- सिर्फ रेप नहीं, यौन शोषण के अन्य मामलों में भी फरार आरोपियों की संख्या 600 के पार है.
- महिलाओं के खिलाफ यौन शोषण मामले में 443 आरोपी फरार है.
- बच्चियों के खिलाफ यौन शोषण के 167 आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं.
- यौन शोषण के मामले में कुल 610 आरोपियों को पुलिस अब तक पकड़ नहीं पाई.
मध्यप्रदेश में महिलाओं और बच्चियों से जुड़े गुमशुदगी में अन्य मामलों में 320 आरोपी फरार हैं, जिनमें महिलाओं से जुड़े 76 आरोपी फरार हैं. बच्चियों से जुड़े 254 आरोपियों को पुलिस ढूंढ रही है. यानी कि इन गंभीर मामलों में 1500 से अधिक आरोपी आज भी गिरफ्त से बाहर हैं.
प्रदेश के 15 जिले ऐसे हैं, जहां 500 से अधिक महिलाएं लापता
- सागर – 1069 लापता
- जबलपुर – 946 लापता
- इंदौर – 788 लापता
- भोपाल (ग्रामीण) – 688 लापता
- छतरपुर – 669 लापता
- रीवा – 653 लापता
- धार – 637 लापता
- ग्वालियर – 617 लापता