
Malnutrition in Madhya Pradesh: एमपी विधानसभा (MP Assembly) में सोमवार को कुपोषण (Malnutrition) का मुद्दा जमकर गूंजा. इस दौरान, कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया (Vikrant Bhuria) ने सरकार को घेरते हुए कुपोषित बच्चों के लिए दी जा रही राशि को लेकर सवाल उठाए. कांग्रेस विधायक ने पूछा कि क्या सिर्फ 8 रुपये प्रति बच्चा राशि देना एक बच्चे के लिए काफी है. इसके बाद उन्होंने पूछा कि आखिर आदिवासी विकास खंडों में 2020 से 2025 तक कितने बच्चों को NRC में भर्ती किया गया. साथ ही इस योजना में कितना खर्च किया गया.
कांग्रेस विधायक के सवाल पर महिला और बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने इसका जवाब दिया, जिसमें खुलासा हुआ कि पोषण केंद्रों में प्रति बच्चे के इलाज के लिए सरकार 980 रुपये देती है.
राज्य में चिंताजनक है कुपोषण की स्थिति
सदन में कुपोषण पर जो आंकड़े पेश किए गए. उसके मुताबिक 6 साल से कम उम्र के बच्चों में 40 फीसदी बच्चे बौने हैं. राज्य में 27 फीसदी बच्चे कम वजन वाले हैं और 1.36 फीसदी बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं.
ये जिले हैं सबसे ज्यादा प्रभावित
एक रिपोर्ट के मुताबिक आदिवासी बाहुल्य श्योपुर, सतना और मंडला सबसे ज्यादा कुपोषण से प्रभावित है, जबकि सरकार पोषण पखवाड़ा, पोषण ट्रैकर और सोया आधारित पोषण आहार जैसी योजना चला रही है. इसके बावजूद राज्य में कुपोषण के ये आंकड़े काफी भयावह हैं.
भूरिया ने सरकार को ऐसे घेरा
ऐसे में कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने फिर सवाल पूछा कि एक तरफ सरकार कुपोषण से मुक्ति की बात करती है. दूसरी तरफ सरकार कुपोषित बच्चों के लिए सिर्फ 8 रुपये और अति कुपोषित बच्चों के लिए सिर्फ 12 रुपये प्रतिदिन देती है. ऐसे में सिर्फ 980 में इलाज कैसे हो सकता है?
कब पोषण केंद्रों में हुआ कितने बच्चों का इलाज
- 2020-21- 11,566 बच्चों का इलाज
- 2021-22- 12,527 बच्चों का इलाज
- 2022-23- 16,522 बच्चों का इलाज
- 2023-24- 18,046 बच्चों का इलाज
- 2024-25- 20,741 बच्चों का इलाज
- 2024-25(केवल जून तक)- 5,928 बच्चों का इलाज
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी घेरा
उधर, पोषण राशि को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि आदिवासियों को सरकार सिर्फ लॉलीपॉप दिखाती है. आदिवासी वर्ग लंबे वक्त से पट्टों का इंतजार कर रहा है, लेकिन उन्हें सिर्फ ठगा जा रहा है.
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मंत्री ने दी ये सफाई
कुपोषण पर विपक्ष का लगातार हमलावर रुख देखते हुए सरकार की महिला और बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने जवाब दिया है. मंत्री ने कहा कि हमारा विभाग कुपोषण के प्रति माताओं और बहनों को लगातार जागरूक कर रही है. बच्चों के लिए नई-नई चीजें करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि कुपोषण को जल्द ही खत्म किया जा सके. मंडला, देवास और झाबुआ में सफलता भी मिली है.
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