
जबलपुर के सिहोरा को जिला बनाने की मांग के समर्थन में सिहोरा बंद रहा सफल. सिहोरा को जिला बनाने की मांग अब जोर पकड़ती जा रही है. सिहोरा को जिला बनाने की मांग काफी समय से चल रही है. लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिसके बाद इसे जिला बनाने की मांग आंदोलन की ओर अग्रसर दिख रही है. ऐसा भी नहीं है कि सिहोरा के लोगों ने सरकार से इस बारे में कोई बातचीत ना की हो. सिहोरा जिला आंदोलन समिति समय समय पर अपनी मांग लेकर जनप्रतिनिधियों के जरिए सरकार तक पहुंचाती रही है लेकिन सरकार ने इस पर अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया है.
सिहोरा जिला आंदोलन समिति ने किया था सिहोरा बंदसिहोरा जिला आंदोलन समिति ने आज सिहोरा बंद का आह्वान किया था उनके इस आह्वान को सिहोरा की जनता का भरपूर समर्थन मिला. यहां के व्यापारियों ने स्वत: ही बाजार बंद रखा.
आगे भी जारी रहेंगे आंदोलन. सिहोरा जिला आंदोलन समिति के पदाधिकारियों ने साफ साफ कहा है कि वो "अपनी मांग पूरी कराने के लिए आखिरी दम तक लड़ाई करेंगे. सरकार कई जिले बना रही है, ऐसे में सिहोरा को जिला बनाने की एक दशक पुरानी मांग को पता नहीं क्यों नजरअंदाज किया जा रहा है."

इस समिति का बंद को मिले व्यापक समर्थन से यकीन और भी पुख्ता होता जा रहा है. दरअसल सिहोरा के अलग जिला बन जाने से जबलपुर को घाटा हो जाएगा. सिहोरा में मार्बल की खदानों के अलावा बॉक्साइड की खदानें भी हैं. औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ भी सिहोरा के अंतर्गत ही आता है. विकास के मामले में जबलपुर पहले से ही पिछड़ा हुआ है और अगर सिहोरा को जिला बना दिया गया तो जबलपुर और भी पिछड़ जायेगा. जबलपुर से काटकर कटनी को पहले ही जिला बनाया गया था इससे भी जबलपुर को काफी नुकसान हुआ था.
छोटे जिलों से होता है फायदाक्या जबलपुर को पिछड़ने से बचाने के लिए ही सिहोरा को जिला बनाने की मांग सरकार नहीं मांग रही है? वैसे अगर छोटे छोटे जिले होंगे तो विकास की संभावना ज्यादा होगी हां बड़े जिले को नुकसान हो सकता है लेकिन जनता का छोटे छोटे जिले बनने से बहुत ही फायदा होता है.