Madhya Pradesh News: डॉक्टर मोहन यादव (Mohan Yadav) की सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा पाने वाले राकेश सिंह (Rakesh Singh) लगातार चार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. हर बार विजय वोट बढ़कर ही मिले हैं. राकेश सिंह को जबलपुर (Jabalpur) में विकास कार्यों के लिए जाना जाता है, अपने संसदीय कार्यकाल में राकेश सिंह ने जबलपुर को करोड़ों रुपए की सौगातें दी हैं. यहां देश की दूसरे नंबर की रिंग रोड बनाई गई, जिसकी लागत लगभग 50,000 करोड़ रुपए है. यहां मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का दूसरा सबसे बड़ा फ्लाईओवर भी है, जिसकी लागत लगभग 1200 करोड़ है. इसके अलावा, यहां देश का आधुनिक हवाई अड्डा भी है, जिसकी लागत लगभग साढ़े 500 करोड़ रुपए है.
इतनी ही नहीं, यहां आईटी पार्क फेज 1 आईटी पार्क फेज 2, साइंस सेंटर , Smart City, कल्चरल सेंटर बनाया है. राकेश सिंह जबलपुर के औद्योगिक विकास के लिए हवाई सेवाओं को लगातार बढ़ाने के प्रयास करते रहे, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली है. जबलपुर को वायु, सड़क और रेल मार्ग से सुगम बनाने के लिए राकेश सिंह ने कई प्रयास किए, ताकि यहां का औद्योगिक विकास होने के साथ ही निर्यात भी बढ़े. रेडीमेड और मटर प्रसंस्करण उद्योग को देश के सफलतम उद्योग स्तर तक पहुंचने में भी राकेश सिंह ने अपनी महती भूमिका निभाई है. जल संरक्षण, नर्मदा स्वच्छता अभियान, पर्यावरण के लिए वृक्षारोपण जैसे अभियान राकेश सिंह के प्रमुख अभियान माने जाते हैं.
व्यक्तिगत जानकारी
नाम: राकेश सिंह
आयुः 61 वर्ष
शिक्षा: एमएससी
पार्टी: निर्वाचन छेत्र
पार्टी: भाजपा
राज्यः मध्य प्रदेश
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राजनीति जीवन
राजनीतिक, सामाजिक जीवन की शुरुआत छात्र जीवन में साइंस कॉलेज जबलपुर में वर्ष 1978-79 में महाविद्यालय के निर्वाचित कार्यकारिणी सदस्य के रूप में की. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. 2004 में पहली बार राकेश सिंह जबलपुर संसदीय क्षेत्र से 14वीं लोकसभा के लिए 97,000 मतों से निर्वाचित हुए. इसके बाद 2009 में दूसरी बार जबलपुर संसदीय क्षेत्र से 15वीं लोकसभा के लिए 1,06,000 मतों से निर्वाचित हुए. 2014 में तीसरी बार जबलपुर संसदीय क्षेत्र से 16वीं लोकसभा के 2,08,000 मतों से विजयी हुए. इसके बाद 2019 में चौथी बार वह जबलपुर संसदीय क्षेत्र से 4,54,744 मतों से निर्वाचित होकर 17 वीं लोकसभा में पहुंचे. वर्ष 2014 से 2018 तक वे कोयला एवं इस्पात संबंधी स्थायी संसदीय समिति के चेयरमेन रहे. अब एक बार फिर विधानसभा चुनाव जीतकर मोहन सरकार में मंत्री बने हैं.
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