Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के वन क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं (incidents of forest fire) को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने सख्ती बरती है. हाईकोर्ट ने आग की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार (Madhya Pradesh Government) समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दरअसल, जबलपुर के एक लॉ स्टूडेंट मनन अग्रवाल ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि मलिमथ (Chief Justice Ravi Malimath) को एक पत्र लिखकर राज्य के बांधवगढ़, शहडोल और अन्य जंगलों में लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं पर चिंता जाहिर की. इस पत्र को मुख्य न्यायाधीश ने याचिका के रूप में स्वीकार कर सुनवाई की. जिसमें राज्य सरकार समेत सभी पक्षों को नोटिस जारी किया गया.
लॉ स्टूडेंट मनन अग्रवाल के अलावा रेड लिंक कन्फेडरेशन की ओर से भी इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की गई थी. जिसमें आगजनी की घटनाओं से होने वाले नुकसान को लेकर चिंता जाहिर की गई थी.
याचिकाओं में क्या कहा गया?
जबलपुर के लॉ स्टूडेंट मनन अग्रवाल ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रवि मलिमथ को पत्र लिखकर कहा कि राज्य के बांधवगढ़, शहडोल और अन्य जंगलों में लगातार आग लग रही है. सरकार के पास इस आग से बचने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. वहीं एनजीओ रेड लिंक कन्फेडरेशन की ओर दायर याचिका में कहा गया कि बांधवगढ़, शहडोल, उमरिया क्षेत्र में वन में आग लगने की घटनाएं हुई हैं, जिससे घना जंगल जलकर खाक हो गया और बहुत से वन्य प्राणी भी जलकर मारे गए हैं.
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इसके साथ ही उन्होंने याचिका में कहा कि आग लगने से पक्षियों को भी बहुत नुकसान हुआ है. वह जलकर मारे गए हैं. वहीं पेड़ जल जाने से पक्षी बेघर हो गए हैं. रेड लिंक ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि जब भी जंगल में आग लगती है, उसे रोकने के लिए वन विभाग के पास पर्याप्त योजना और साधन नहीं हैं. यहां पर आग लगने से वन्य जीवों को एयरलिफ्ट करने की भी कोई व्यवस्था नहीं है.
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