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LVM3 M6: आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से ISRO का ऐतिहासिक लॉन्च, CM मोहन ने कहा- अंतरिक्ष में 'नए भारत' की उड़ान

ISRO LVM3M6 Launch: यह एलवीएम3 रॉकेट के इतिहास में अब तक का सबसे भारी पेलोड (6,100 किलोग्राम) है. लॉन्च सुबह 8:54 बजे आईएसटी सेकंड लॉन्च पैड से हुआ. 43.5 मीटर ऊंचे और 640 टन वजन वाले इस रॉकेट ने लगभग 15 मिनट की उड़ान के बाद सैटेलाइट को 520 किलोमीटर की ऊंचाई पर 53 डिग्री इंक्लिनेशन वाली सर्कुलर ऑर्बिट में छोड़ा.

LVM3 M6: आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से ISRO का ऐतिहासिक लॉन्च, CM मोहन ने कहा- अंतरिक्ष में 'नए भारत' की उड़ान
LVM3 M6: आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से ISRO का ऐतिहासिक लॉन्च, CM मोहन ने कहा- अंतरिक्ष में 'नए भारत' की उड़ान

ISRO LVM3 M6 Launch: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बुधवार को ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. सतीश धवन स्पेस सेंटर (एसडीएससी एसएचएआर), श्रीहरिकोटा (Sriharikota) से इसरो के एलवीएम3-एम6 (LVM3-M6) रॉकेट ने अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल की ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सैटेलाइट को सफलतापूर्वक 'लो अर्थ ऑर्बिट' (LEO) में स्थापित कर दिया. जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे गौरवपूर्ण पूर्ण क्षण बताया. वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने इस पर "अंतरिक्ष में 'नए भारत' का लहराता परचम" कहा.

अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की ओर तेजी से अग्रसर भारत : सीएम मोहन यादव

CM मोहन यादव ने कहा कि "इसरो LVM3-M6 रॉकेट के माध्यम से Blue Bird Block-2 स्पेसक्राफ्ट का सफल प्रक्षेपण कर भारत की वैज्ञानिक क्षमता, कौशल और आत्मविश्वास का एक बार पुनः विश्व से परिचय कराया है. इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए इसरो की पूरी टीम को हार्दिक बधाई. यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत आज अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की ओर तेजी से अग्रसर है."

क्यों खास है ये लॉन्च?

यह एलवीएम3 रॉकेट के इतिहास में अब तक का सबसे भारी पेलोड (6,100 किलोग्राम) है. लॉन्च सुबह 8:54 बजे आईएसटी सेकंड लॉन्च पैड से हुआ. 43.5 मीटर ऊंचे और 640 टन वजन वाले इस रॉकेट ने लगभग 15 मिनट की उड़ान के बाद सैटेलाइट को 520 किलोमीटर की ऊंचाई पर 53 डिग्री इंक्लिनेशन वाली सर्कुलर ऑर्बिट में छोड़ा.

यह इसरो की 100 प्रतिशत सफलता वाली एलवीएम3 सीरीज की छठी उड़ान है, जो पहले चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और वनवैब के 72 सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुकी है. यह मिशन न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के माध्यम से एक समर्पित कमर्शियल डील का हिस्सा है. एएसटी स्पेसमोबाइल दुनिया का पहला स्पेस-बेस्ड सेल्युलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क बना रही है, जो सामान्य स्मार्टफोन पर सीधे 4जी/5जी वॉइस, वीडियो कॉल, मैसेजिंग, स्ट्रीमिंग और इंटरनेट डेटा प्रदान करेगा.

यह सैटेलाइट ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 सीरीज का पहला है, जिसमें 223 वर्ग मीटर का बड़ा फेज्ड एरे है, जो एलईओ में अब तक का सबसे बड़ा कमर्शियल कम्युनिकेशन एरे है. कंपनी पहले सितंबर 2024 में ब्लू बर्ड 1-5 लॉन्च कर चुकी है, जो अमेरिका और चुनिंदा देशों में कवरेज दे रहे हैं. ब्लॉक-2 सैटेलाइट्स 10 गुना ज्यादा बैंडविड्थ देंगे और दुनिया भर में कनेक्टिविटी गैप (लगभग 6 अरब मोबाइल यूजर्स) की दिशा में काम कर रहे हैं. इससे पहाड़ों, महासागरों और रेगिस्तानों में भी यह गैप खत्म किया जा सकेगा.

इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने लॉन्च से पहले तिरुमाला मंदिर में पूजा-अर्चना की. यह मिशन भारत की कमर्शियल स्पेस लॉन्च क्षमता को वैश्विक स्तर पर मजबूत करता है. एएसटी स्पेसमोबाइल ने 50 से ज्यादा मोबाइल ऑपरेटर्स के साथ पार्टनरशिप की है.

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