Investigation Report on Mahakal Mandir Fire Accident: विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर (Fire on Mahakal Temple) में हुई आगजनी के लिए गठित जांच समिति ने गुरुवार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट कलेक्टर नीरज सिंह (Ujjain Collector) को सौंप दी. रिपोर्ट के अनुसार होली पर भस्म आरती (Mahakal Bhasma Aarti) के दौरान हादसे की मुख्य वजह गर्भगृह (Mahakal Garbhagriha) में अत्यधिक मात्रा में ज्वलनशील गुलाल ले जाना माना गया है. इसके साथ ही कमेटी ने भविष्य में मंदिर में सुरक्षा के लिए सुझाव भी दिए हैं. बता दें कि होली (Holi 2024) के दिन 25 मार्च को भस्म आरती के दौरान गर्भ गृह में बाबा महाकाल (Baba Mahakal) पर गुलाल उड़ाते समय तड़के 5.49 बजे आग लग गई थी. इस घटना में पुजारी सहित 14 लोग झुलस कर घायल हुए थे.
इस बहुचर्चित घटना पर सीएम डॉ मोहन यादव ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे. इस पर कलेक्टर ने एडीएम अनुकूल जैन और जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीणा को 3 दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे. तय समय सीमा में पूरी जांच तो नहीं हो पाई, लेकिन समिति ने गुरुवार शाम कलेक्टर को अंतरिम रिपोर्ट सौप दी. जिसमें बताया कि भस्म आरती में नियम विरुद्ध अत्यधिक मात्रा में ज्वलनशील गुलाल ले जाकर उड़ाया गया. गुलाल आरती के समय थाली में गिरने से कपूर के कारण आग लगी थी.
मंदिर प्रशासक पर हुआ एक्शन
महाकाल मंदिर हादसे की अंतरिम जांच रिपोर्ट आने के बाद गुरुवार रात कलेक्टर नीरज सिंह ने महाकाल प्रशासक संदीप सोनी को पद से हटा दिया. उनकी जगह जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीणा को मंदिर प्रशासक बनाया गया है.
यह लापरवाही भी हुई
जांच रिपोर्ट के अनुसार एकमात्र निकासी द्वार 15 मिनट से अधिक समय तक बंद रहा और घटना के समय गर्भगृह में अत्यधिक संख्या में पुजारी और सेवक मौजूद थे. होली के लिए जारी निर्देशों का उल्लंघन भी दुर्घटना का कारण माना गया. निर्धारित प्रोटोकॉल के उल्लंघन के लिए मंदिर के अधिकारी और कर्मचारी के साथ सुरक्षा एजेंसी जिम्मेदार है. ड्यूटी पर तैनात मंदिर के अधिकारियों और कर्मचारियों ने जिम्मेदारी नहीं निभाई.
फाइनल रिपोर्ट का इंतजार
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि हादसे में झुलसे लोगों के बयान अभी नहीं लिए गए हैं, वहीं गुलाल परीक्षण की रिपोर्ट नहीं आने से फाइनल रिपोर्ट अभी जारी नहीं की गई है. लेकिन, प्रारंभिक जांच से आगजनी और जिम्मेदारों की भूमिका का पता चल गया है. मुंबई के फायर एक्सपर्ट नीलेश उकंडे ने भी दुर्घटना का मुख्य कारण अत्यधिक मात्रा में ज्वलनशील गुलाल को माना है. लापरवाह मंदिर प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि सुरक्षा एजेंसी को नोटिस भी जारी किया जा रहा है.
कलेक्टर सिंह ने कहा कि महाकाल मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए तीन सदस्यीय 4 दल काशी विश्वनाथ, तिरुपति, शिरडी साईं बाबा और सोमनाथ जैसे बड़े प्रमुख मंदिरों का दौरा करेंगे. इस दौरान ये दल वहां की सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. जिसमें उपयोगी सुझावों को महाकाल मंदिर में भी लागू किया जाएगा. इसके साथ ही कलेक्टर सिंह ने बताया कि मंदिर के सुव्यवस्थित संचालन और प्रमुख त्यौहारों के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) तैयार कर प्रशासनिक दायित्वों का विभाजन किया जाएगा.
महाकाल मंदिर में सुरक्षा के लिए जांच समिति के सुझाव
- मंदिर में आधुनिक फायर अलार्म सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर और फायर फाइटर सिस्टम लगाया जाएं.
- आवश्यक सुरक्षा उपकरणों और मानव संसाधनों की उपलब्धता कर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम हों.
- व्यवस्थित पास सिस्टम डेवलप करना चाहिए.
- भस्म आरती के अलावा चलित भस्म आरती हो.
- मंदिर के अंदर मोबाइल सहित सुरक्षा के लिहाज से हानिकारक सामग्रियों के ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध हो.
- मंदिर में आपातकालीन मार्ग निर्धारित किया जाना चाहिए.
- रंगपंचमी पर्व पर मंदिर में प्रतीकात्मक होली इत्यादि सुझाव दिए गए हैं.
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