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Van Mela Bhopal: ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के प्रति बढ़ा लोगों का आकर्षण, औषधियों की बिक्री ₹20 लाख के पार

Bhopal Van Mela: वन मेले में करीब 300 स्टॉल लगाये गए हैं. जिसमें प्रदेश के जिला यूनियन, वन धन केन्द्र, जड़ी-बूटी संग्राहक, उत्पादक, कृषक, आयुर्वेदिक औषधि निर्माता, परम्परागत भोजन सामग्री के निर्माता और विक्रेता अपने उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय कर रहे हैं. मेले में विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा प्रदर्शनी लगाई गयी है.

Van Mela Bhopal: ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स के प्रति बढ़ा लोगों का आकर्षण, औषधियों की बिक्री ₹20 लाख के पार

International Herbal Fair: अंतर्राष्ट्रीय वन मेले (International Van Mela)  में भोपाल बल्कि आस पास के जिलों से भी बड़ी संख्या में लगभग 30 हज़ार लोगों ने मेले (Bhopal Van Mela) में भाग लिया और मेले का लुत्फ़ उठाया. तीसरे दिन तक लगभग 20 लाख रुपए के वनोपज हर्बल उत्पाद से निर्मित औषधियों की बिक्री हो चुकी है. मेले में स्थापित ओपीडी में लगभग 200 से अधिक आगंतुको ने नि:शुल्क चिकित्सीय परामर्श प्राप्त किया. शिविर में सुबह 45 एवं शाम 45 आयुर्वेद चिकित्सकों तथा अनुभवी वैद्य ने अपनी सेवाएं प्रदान की. OPD में आयुर्वेदिक चिकित्सकों और अनुभवी वैद्य द्वारा नि:शुल्क परामर्श मेले के अंतिम दिन तक जारी रहेगा. लोग लेमन ग्रास, जंगली अदरक, एलोवेरा और आंवला, जंगली अदरक, एवं अन्य वनोपज से बने उत्पादों को जानने एवं खरीदने में काफी रूचि ले रहे है. इस बार मेले में आये आर्गेनिक उत्पाद लोगों का आकर्षण अपने और खींच रहे है इससे आर्गेनिक क्षेत्रों में शामिल हमारे वनांचलों में निवासरत समुदाय भी प्रोत्साहित हो रहे है.

पर्यावरण बचाने की मुहिम

प्रधानमंत्री वन धन केन्द्रों के द्वारा माहुल एवं अन्य पत्तों से बनाए जा रहे दोना-पत्तल जो की सिंगल यूज़ प्लास्टिक का एक अचूक विकल्प है भी लोगों में अपनी विशेष छाप छोड़ रहे है. लोगों का दोना-पत्तल के प्रति उत्साह एवं लगाव को देखते हुए पर्यावरण के प्रति हो रहे दुष्प्रभाव को रोकने कि दिशा में अनूठा प्रयास है.

यहां एक कार्यशाला हुई जिसमें ऑस्ट्रेलिया के विषय-विशेषज्ञ ने भी भाग लिया. मध्यप्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्यों में उत्तराखण्ड, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ एवं कर्नाटक के विषय-विशेषज्ञ, एकेडेमिक एवं इंडस्ट्री एक्सपर्ट शामिल हुए.

यहां बताया गया कि प्रदेश में लघु वनोपज संग्रहण कार्य में लगभग 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी है. आज की कार्यशाला से प्राप्त होने वाले निष्कर्ष पर विशेष ज़ोर देते हुए कहा की मैदानी स्तर पर वन संरक्षण, आयुर्वेदिक दवाइयों के निर्माण एवं उसमे महिलाओं के योगदान से उनके आर्थिक रूप से सशक्त करने का अवसर मिलेगा. वन धन केन्द्रों में किये जा रहे मूल्य संवर्धन के कार्य एवं उनके उत्पादों की पैकेजिंग को आकर्षक रूप देकर विपणन को बढ़ावा दिया जा रहा है. 

शुक्रवार 20 दिसम्बर को होंगे ये कार्यक्रम

आज सोलो और ग्रुप में गायन का कार्यक्रम आयोजित होगा. इस आयोजन में कक्षा 1 से 4 तक, 5 से 8 एवं 9 से 12 तक तीन ग्रुप में आयोजित है. इसका पंजीयन पहले आएं पहले पाएं के आधार पर होगा. शाम 5:00 बजे से असलम इब्राहीम शेख़ द्वारा आर्केस्ट्रा की प्रस्तुति दी जाएगी. सायं 7:30 बजे से एलएन आयुर्वेद कॉलेज द्वारा प्रायोजित सूफ़ी बैंड (जेर्री एंड क्लेक्टिव्स) कार्यक्रम होगा.

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