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Indore News: देश के सबसे स्वच्छ शहर के सार्वजनिक स्थलों पर ट्रांसजेंडर के लिए अलग से एक भी शौचालय नहीं

Indore City News: घावरी के मुताबिक इंदौर में ट्रांसजेंडर समुदाय के करीब 1,500 सदस्य हैं और इनमें ऐसे लोगों की बड़ी तादाद है जो परिवार और समाज के डर से अपने मुद्दों के लिए खुलकर सामने नहीं आ पाते.

Indore News: देश के सबसे स्वच्छ शहर के सार्वजनिक स्थलों पर ट्रांसजेंडर के लिए अलग से एक भी शौचालय नहीं

Indore Nagar Nigam: देश के सबसे स्वच्छ शहर (Cleanest City of India) इंदौर (Indore, the cleanest city of India) में सार्वजनिक स्थलों पर अलग शौचालय नहीं होने से ट्रांसजेंडर (Transgenders) समुदाय लंबे समय से परेशानी से जूझ रहा है. इसके मद्देनजर समुदाय ने स्थानीय प्रशासन से उनके लिए सार्वजनिक स्थलों पर अलग से शौचालयों (Toilets) की व्यवस्था करने की मांग की है. ट्रांसजेंडर समुदाय (Transgender Community) से जुड़ीं संध्या घावरी इंदौर नगर निगम (Indore Nagar Nigam) की स्वच्छता राजदूत हैं. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि ‘‘हम लंबे समय से प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि शहर के सार्वजनिक शौचालयों में हमारे लिए अलग व्यवस्था की जानी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से यह मांग अब तक पूरी नहीं हुई है.''

असहज महसूस करता है ये वर्ग: सामाजिक कार्यकर्ता

ट्रांसजेंडर समुदाय के हितों में काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा,‘‘महिलाओं की वेश-भूषा में रहने वाले ट्रांसजेंडर सार्वजनिक स्थलों पर महिला शौचालयों का इस्तेमाल करने में बेहद असहज महसूस करते हैं. इसी तरह, महिलाएं भी सार्वजनिक शौचालयों में हमें देखकर असहज हो जाती हैं.'' उन्होंने कहा कि सामाजिक वर्जनाओं के चलते ‘‘ट्रांसमैन'' भी सार्वजनिक स्थलों पर पुरुष शौचालयों का इस्तेमाल करने से बचते हैं.

घावरी के मुताबिक इंदौर में ट्रांसजेंडर समुदाय के करीब 1,500 सदस्य हैं और इनमें ऐसे लोगों की बड़ी तादाद है जो परिवार और समाज के डर से अपने मुद्दों के लिए खुलकर सामने नहीं आ पाते.

प्रदेश के सामाजिक न्याय विभाग की संयुक्त संचालक सुचिता तिर्की बेक ने कहा,‘‘शहर में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए फिलहाल एक भी पृथक सार्वजनिक शौचालय नहीं है. हम शहर में वे सार्वजनिक स्थान चिन्हित कर रहे हैं जहां उनके लिए अलग शौचालय बनवाए जा सकते हैं.''

एक भी शौचालय इनके लिए नहीं: अधिकारी

अधिकारियों के मुताबिक शहर में इंदौर नगर निगम ने करीब 300 सार्वजनिक शौचालय बनवाए हैं, लेकिन इनमें भी ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अलग व्यवस्था नहीं है. उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) नियम 2020 के साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी ट्रांसजेंडर समुदाय को शौचालयों की उचित सुविधा दिए जाने का प्रावधान किया गया है. इस प्रावधान को अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की है.

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