
Corruption in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) जिले के ईशानगर स्वास्थ्य केन्द्र (Eshanagar Swasthya Kendra) में रिश्वत न मिलने पर नर्स ने प्रसूता (Pregnant) की डिलेवरी कराने से इंकार कर दिया. इससे प्रसूता ने ईसानगर अस्पताल के बाथरूम में डिलेवरी हो गई, नवजात बच्चे को चोट लग गई और नवजात की मौत हो गई... कहीं न कहीं रिश्वत के चक्कर में एक बच्चे ने दुनिया देखने से पहले ही अपना दम तोड़ दिया. छतरपुर में स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गई है. सरकारी अस्पतालों में बिना रिश्वत के इलाज नहीं होता है. छतरपुर जिले की बानगी ईशानगर स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिली जब एक आदिवासी परिवार से दो हजार रुपए की रिश्वत नहीं मिलने पर स्वास्थ्य केंद्र की नर्स ने गर्भवती महिला का प्रसव कराने से मना कर दिया.
जानिए पूरा मामला
छतरपुर के ईशानगर स्वास्थ्य केन्द्र में रिश्वत न देने पर नर्स ने प्रसूता की डिलेवरी करवाने से इंकार कर दिया. इसकी वजह से प्रसूता को बाथरुम में डिलेवरी करनी पड़ी. ईसानगर स्वास्थ्य केन्द्र में बीएमओ और एक डॉक्टर की लापरवाही भी सामने आई है, जो रात की ड्यूटी पर नहीं आते और मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर देते हैं.
पीड़ित परिवार की शिकायत
पीड़ित प्रसूता के परिजनों ने नर्स की इस रिश्वतखोरी के कारण नवजात बच्ची की मौत पर ईशानगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई. इसमें नर्स सहित अस्पताल के स्टाफ पर मामला दर्ज करने की बात कही गई. वहीं, ईसानगर अस्पताल में पिता बीएमओ और बेटा डॉक्टर के पद पर तैनात हैं, जो रात की ड्यूटी पर नहीं आते और मरीजों को जिला अस्पताल रेफर करवा देते हैं.
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कलेक्टर ने लिया मामले का संज्ञान
कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ ने उक्त नर्स के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए. सीएचएमओ और एसडीएम जांच दल के साथ पहुंचे थे. पीड़ित आदिवासी महिला के आरोप सही पाए जाने पर टीम ने कार्रवाई की. नर्स की रिश्वतखोरी और गंभीर लापरवाही के परिणाम स्वरुप हुई प्रसूता के नवजात शिशु की मृत्यु के मामले में नर्स पर कार्रवाई की गई है.
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