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This Article is From Feb 08, 2024

NDTV की खबर का हुआ असर, ग्वालियर SP ऑफिस में हुए घोटाले का आरोपी आरक्षक निलंबित, FIR दर्ज

Gwalior News: ग्वालियर एसएसपी ऑफिस में हुए 71 लाख के घोटाले को NDTV द्वारा प्रमुखता से दिखाने का असर देखने को मिला है. अधिकारियों ने घोटाले के आरोपी आरक्षक को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही आरक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

NDTV की खबर का हुआ असर, ग्वालियर SP ऑफिस में हुए घोटाले का आरोपी आरक्षक निलंबित, FIR दर्ज

Scam in Gwalior SSP Office: ग्वालियर पुलिस अधीक्षक कार्यालय (Gwalior SP Office) में हुए घोटाले को NDTV के द्वारा प्राथमिकता से दिखाए जाने के बाद इसका असर देखने को मिला है. ग्वालियर एसएसपी (Gwalior SPP) ने अब इस मामले में घोटाले के आरोपी आरक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Constable Suspended) कर दिया है. इसके साथ ही आरोपी आरक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर घोटाले की जांच के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई गई है.

बता दें कि ग्वालियर (Gwalior) के एसएसपी ऑफिस में बीते दिनों एक बड़ा घोटाला सामने आया. जिसमें पुलिस विभाग के 71 लाख रुपये के हेरफेर का आरोप है. इस घोटाले में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इस घोटाले का एक बिल क्लर्क ने अंजाम दिया है. आपको बता दें कि इससे पहले ग्वालियर में पीएचई विभाग में भी 81 करोड़ का घोटाला सामने आ चुका है.

जांच के लिए चार लोगों की बनी टीम

एसएसपी ऑफिस में हुए इस 71 लाख रुपये के घोटाले में पहली नजर में बिल क्लर्क को दोषी माना गया है. आयुक्त कोष एवं लेखा ने घोटाले की जांच जेडी कोष एलएन सुमन को सौंपी है. इस टीम में कुल चार सदस्य हैं. जिनमें जेडी कोष एलएन सुमन, उप संचालक अर्चना त्रिपाठी, विवेक सक्सेना और नरेंद्र सिंह शामिल हैं.

ऐसे उजागर हुआ घोटाला

वहीं ट्रेजरी से जुड़े अफसरों ने बताया कि एसएसपी ऑफिस के 2018 से जुलाई 2023 के बीच के बिलों के भुगतान की जांच मुख्यालय ने की थी. जिसमें पाया गया कि यहां 77 बैंक खातों में 71 लाख रुपये का संदिग्ध भुगतान किया गया है. इस घोटाले में बिल क्लर्क अरविंद भदौरिया का नाम सामने आया. रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि बिल क्लर्क ने 17 लाख रुपये का भुगतान अपनी पत्नी नीतू के एसबीआई खाते में ट्रांसफर किए हैं.

NDTV ने प्रमुखता से चलाई थी खबर

इस घोटाले को ट्रेजरी मुख्यालय ने उजागर किया. जिसके बाद मुख्यालय ने कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक कार्यालय को पत्र लिखा. लेकिन, इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद बुधवार को एनडीटीवी ने इस पूरे घोटाले को उजागर किया. तब कहीं जाकर पुलिस अफसर हरकत में आए और एसएसपी ने इस मामले में आरोपी आरक्षक अरविंद भदौरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित किया.

लिपिक के पद पर तैनात हैं आरक्षक

एसपी दफ्तर की कई ब्रांच में लिपिकों का काम शाखा के अटेंडेंडेन्ट पदों पर तैनात आरक्षक संभाल रहे हैं. इन शाखाओं के लिपिक महज हस्ताक्षर अथॉरिटी हैं. एसपी ऑफिस के 100 से अधिक आरक्षक अटेंडेंट के रूप में पदस्थ हैं, जबकि इन आरक्षकों की पदस्थापना थानों में होनी चाहिए थी. वहीं घोटाले को लेकर एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने बताया कि बिल भुगतान में आरक्षक द्वारा किए गए घोटाले के संबंध में ट्रेजरी ने जांच समिति बनाई है. अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है.

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