
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोदो कुटकी (मोटे अनाज) के प्रति लोगो में जागरूकता पैदा करने को लेकर कुछ किसानों ने अनोखी पहल शुरू की है. इसी कड़ी में युवा किसान नीरज प्रजापति साइकिल पर सवार होकर कश्मीर से कन्याकुमारी के सफर पर निकले हैं. युवा किसान नीरज प्रजापति मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. सफर के दौरान नीरज प्रजापति गुरुवार को मध्य प्रदेश के उमरिया जिला पहुंचें. जहां नीरज ने कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों के साथ अपने अनुभव साझा किए. इस दौरान उनके साथ मौजूद किसानों ने मोटे अनाज, जिसे भारत सरकार ने 'श्री अन्न' का नाम दिया है.... उसकी खेती के दौरान आने वाली समस्याओं को बताया. इसके बाद नीरज ने सभी को मोटे अनाज की उपज और उसकी मार्केटिंग के खास तरीके बताएं.
सेहत के लिए वारदात है मोटा अनाज
दरअसल, खेती किसानी में बढ़ते लगातार रासायनिक उर्वरकों (Chemical Fertilizers) का इस्तमाल किया जा रहा है. जिसके चलते लोगों का स्वास्थ्य भी गिर रहा है. जबकि मोटे अनाज के उत्पादन में रासायनिक उर्वरको का इस्तेमाल नहीं किया जाता और यही वजह है कि 'श्री अन्न' को अपने आहार में शामिल करना अच्छा माना जाता है. सेहत के लिहाज से भी इसके कई फायदे होते हैं. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक और जिले के कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने भी किसान नीरज की पहल का स्वागत किया और जिले के किसानों को मोटे अनाज के उत्पादन की सलाह दी है.
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युवा किसान नीरज प्रजापति ने 01 दिसंबर को कश्मीर के लाल चौक से अपनी यात्रा की शुरुआत की है जो 31 जनवरी 2024 को 4200 किमी का सफर तय कर कन्याकुमारी में खत्म होगी. बताया जा रहा है कि पूरे देश के किसानों को श्री अन्न के उत्पादन के लिए जागरूक करने में यह यात्रा महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगी.