Narmada's Sewage Treatment Plant : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के डिंडौरी जिले में नर्मदा नदी में गंदे नालों के पानी को रोकने के लिए करीब सात साल पहले 35 करोड़ रूपये की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरू किया गया था जिसका काम आज भी पूरा नहीं हो पाया है. पूर्व कैबिनेट मंत्री व शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ने अधिकारियों की मौजूदगी में आज शुक्रवार को ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य में चल रही लेटलतीफी को लेकर नाराजगी जाहिर की. इतना ही नहीं, ओमप्रकाश धुर्वे का कहना है कि ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण गलत जगह पर गलत तरीके से कराया जा रहा है. साथ ही उन्होंने प्लांट के निर्माण को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
पूर्व CM शिवराज ने किया था ऐलान
साल 2017 में नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान प्रदेश के तात्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा नदी में गंदे नालों का पानी बहते देख सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का ऐलान किया था. जिसका निर्माण आज भी पूरा नहीं हो पाया है. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में लेटलतीफी के अलावा निर्माण कार्य में गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम अधूरा
बता दें कि मध्य प्रदेश की लाइफलाइन कहे जाने वाली नर्मदा नदी का उदगम स्थल अमरकंटक है और अमरकंटक के बाद डिंडौरी पहला जिला है जहां नगर के सात गंदे नालों का दूषित पानी सीधे नर्मदा में बहता है. ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में गुणवत्ता और लेटलतीफी को लेकर BJP के कद्दावर नेता शहपुरा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ने आज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया.
क्या बोले BJP नेता ओमप्रकाश धुर्वे ?
इसके बाद अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं. धुर्वे ने ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में जिला प्रशासन पर मनमानी करने के भी आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि प्लांट गलत जगह पर बनाया जा रहा है जो आगे चलकर अनुपयोगी भी साबित हो सकता है.
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अधिकारियों ने कहा- 80% काम पूरा
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करने वाले Urban PIU विभाग के अधिकारी अभय कुमार ने बताया कि प्लांट का काम 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है और अक्टूबर महीने तक इस प्लांट का काम पूरा कर लिए जाने की उम्मीद जताई है. अभय कुमार ने बताया कि शहर में करीब 4500 हाउसहोल्ड कनेक्शन किए जाने हैं जबकि अब तक सिर्फ 700 कनेक्शन ही किए जा सके हैं.
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