Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की एक प्रमुख डेयरी कंपनी जयश्री गायत्री फ़ूड पर उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने गंभीर आरोप लगाए हैं.कटारे ने कहा- कंपनी नकली और सेहत के लिए हानिकारक दूध, घी, और अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स की सप्लाई कर रही है.हेमंत कटारे ने FSSAI की कंपनी को लेकर एक पुरानी रिपोर्ट का हवाला देते हुए ये आरोप लगाया है.
पनीर, घी, चीज में पाया गया एनिमल फैट
आरोप में कहा कि कंपनी के डेयरी प्रोडक्ट में एनिमल फैट मिलाया जाता था, पनीर, घी, चीज में पाया गया एनिमल फैट. ऐसा रिपोर्ट में कहा गया. हेमंत ने दावा किया है कि बालाजी मंदिर में भी थी गायत्री फूड की घी सप्लाई करता था और बालाजी के प्रसादाम बनाने में भी सप्लाई होता था घी,उस सूची में जयश्री फ़ूड का भी नाम है.
हेमंत कटारे के आरोपों पर बीजेपी का बयान आया है ,बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी ने कहा की कांग्रेस और उनके नेताओं का मूल चरित्र सिर्फ़ आरोप लगाना है, राजनीति करना का है. राजनीति में बने रहने के लिए वो आरोप लगाने का काम करते रहते हैं. इसके विपरीत हमारे मुख्यमंत्री ऐसे मामलों में हमेशा से सख़्त रहे हैं.
बख्शा नहीं जाएगा
दुर्गेश केसवानी ने कहा- कोई प्रदेश और देश की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. कोई भी चीज निकल कर आती है, तो कानून अपना काम करेगा ही और ऐसे में जो भी गुनहगार होंगे उनको बख़्शा भी नहीं जाएगा.आपको बता दें कि कुछ दिन पहले गायत्री फूड प्रोडक्ट के ठिकानों पर EOW ने छापा मारा था,गलत तरीके से प्रोडक्ट का पास सर्टिफिकेट लेकर विदेश में डेयरी प्रोडक्ट सप्लाई का आरोप लगा था.
प्रदेश के 12 ठिकानों पर की गई थी कार्रवाई
जयश्री गायत्री फूड्स पर आरोप है कि उसने जाली दस्तावेज तैयार कर विदेशों में करोड़ों का न सिर्फ कारोबार किया,बल्कि ये कंपनी 27 देशों में फर्जी तरीके से अपने उत्पाद बेच रही थी. इसी आरोप में कार्रवाई प्रदेश के 12 ठिकानों पर की गई थी इसमें कंपनी के व्यावसायिक और आवासीय ठिकाने भी शामिल थे.
24 जुलाई को मामला दर्ज किया
जय श्री गायत्री फूड्स एंड डेयरी प्रोडक्ट के मालिक किशन मोदी है. इसके अलावा पारुल मोदी और राजेंद्र मोदी अमित कुकरेजा कंपनी के महत्वपूर्ण ओहदे पर है, इस पूरे मामले में ठोस जानकारी शिकायत भगवान सिंह राजपूत से मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने कंपनी के अधिकारियों पर 24 जुलाई को मामला दर्ज किया.
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वेरिफिकेशन रिपोर्ट हासिल की
शुरुआती पूछताछ में आरोपियों ने ऐसी किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया था. लेकिन जैसे ही ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने दस्तावेजों की वेरिफिकेशन रिपोर्ट हासिल की, उसमें सारी चोरी पकड़ी गई.उसके बाद अधिकारियों ने छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया.
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