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Sagar News: पहले दिया इमोशनल सपोर्ट, फिर तीन माह की मासूम को अपने कब्जे में ले लिया... दस्तावेजों में नाम बदलने पर हुआ हंगामा

Sagar Crime News: सागर जिले में एक बेसहारा तीन महीने की बच्ची के अवैध रूप से दत्तक ग्रहण का मामला सामने आया है. उसका कहना है कि आरोपी ने मासूम को अपने कब्जे में ले लिया और कागजों में उसका नाम और जानकारी बदल दी. आइए आपको पूरे मामले की विस्तार से जानकारी देते हैं. 

Sagar News: पहले दिया इमोशनल सपोर्ट, फिर तीन माह की मासूम को अपने कब्जे में ले लिया... दस्तावेजों में नाम बदलने पर हुआ हंगामा
Sagar Crime News: तीन महीने की बच्ची का नाम बदलकर परिवार ने लिया कब्जे में

Sagar News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर जिला अस्पताल (Sagar District Hospital) में भर्ती एक बेसहारा तीन माह की बच्ची का अवैध रूप से दत्तक ग्रहण कर पहचान बदलने का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद बाल संरक्षण आयोग के सदस्य और हिंदू संगठन के लोग जिला अस्पताल पहुंच गए. अस्पताल में भर्ती एक गरीब महिला की मदद के नाम पर शनिचरी के एक परिवार ने भावनात्मक रूप से सहारा देकर मासूम को अपने कब्जे में ले लिया.

बच्ची की जानकारी बदलकर परिवार ने लिया कब्जे में

बच्ची की जानकारी बदलकर परिवार ने लिया कब्जे में

शनिचरी के इस परिवार ने बच्ची को अस्पताल के दूसरे विभाग में भर्ती कराया, जहां उसका नाम, पहचान बदलकर देखरेख शुरू कर दी. मामला सामने आने के बाद बाल कल्याण समिति ने जांच पड़ताल में विशेष किशोर पुलिस इकाई (एसजीपीयू) की लापरवाही उजागर हुई. 

नाम बदलकर दूसरे वार्ड में करा दिया भर्ती

बाल कल्याण समिति सदस्यों ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया, जहां दस्तावेज परीक्षण के बाद पता चला कि बच्ची का नाम, माता-पिता का नाम परिवर्तित कर उसे भर्ती कराया गया है. बाल आश्रम पहुंचकर मृतका के बेटे की काउंसलिंग की, तो उसने बताया कि उसकी एक छोटी बहन भी है, जिसे अस्पताल में एक आंटी ले गई थीं. इस पूरे मामले में हिंदू सेवा समिति के अध्यक्ष उमेश सराफ का कहना है कि महिला की हालत गंभीर थी. बच्ची की हालत भी गंभीर थी. बच्ची की हालत को देखते हुए उसे डॉक्टरों ने बाजू में इलाज कर रहे परिवार को सुपुर्द कर दिया और उसे दूसरे वार्ड में भर्ती कर दिया गया. 

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यह है पूरा मामला

गुना जिले की रहने वाली महिला की 17 फरवरी की रात बीएमसी में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मृतका के साथ उसका पांच साल का बेटा था, जिसे बाल आश्रम भेज दिया गया था. दो दिन बाद जानकारी मिली कि मृतका की दो माह की एक बेटी भी है.

समिति सदस्यों ने जब एसजीपीयू से बात की, तो उनका कहना था कि उन्हें बच्ची के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. बाल कल्याण समिति के निर्देश पर एसजीपीयू ने जिला अस्पताल पहुंचकर जानकारी जुटाई, तो पता चला कि मृतका की 2 माह की बेटी है, जिसे एक परिवार ने अपने संरक्षण में ले लिया है.

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