Heart Attack in Gwalior: ग्वालियर और चम्बल अंचल में बीते एक सप्ताह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है. तापमान 5 से 7 डिग्री सेल्शियस पर अटका है. एक तरफ लोग सर्दी के प्रकोप से परेशान हैं तो वहीं दूसरी ओर अचानक हार्ट और ब्रेन हम्ब्रेज के केस में जबरदस्त इजाफा हुआ है. गजराराजा मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध जेएएच के हार्ट हॉस्पीटल के आंकड़े बताते है कि महज एक सप्ताह में हार्ट पेशेंट की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है. सामान्य दिनों की तुलना में इस सप्ताह 15 से 20 फीसदी ज्यादा मरीज पहुंचे.ट
एक सप्ताह में 300 से अधिक मामले आए
जीआर मेडिकल कॉलेज के हार्ट डिपार्टमेंट के एचओडी और अंचल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ पुनीत रस्तोगी ने पुष्टि की कि एक सप्ताह में हार्ट अटैक के केस 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं. दिन में धूप और रात को तापमान में गिरावट के वजह से बदलते मौसम लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है. विशेष कर लोगों के दिल और दिमाग पर इसका विशेष प्रभाव पड़ रहा है. आलम यह है कि सर्दी के कारण हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है.
जयारोग्य अस्पताल के कार्डियोलॉजी और न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में एक सप्ताह के भीतर ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के 300 से अधिक मामले रिकॉर्ड हुए हैं. इनमें लगभग 45 से अधिक मरीजों की हार्ट अटैक से मौत हुई, जबकि लगभग 40 से अधिक मरीज ने ब्रेन स्ट्रोक से अपनी जान गंवा चुके है. ये सरकारी और गैर सरकारी हॉस्पीटल के आंकड़े हैं.
भर्ती होने से पहले ही दम तोड़ रहे मरीज
JAH अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ पुनीत रस्तोगी के मुताबिक, उनके पास सर्दी के इस मौसम में हार्ट अटैक के अधिकतर ऐसे मरीज आ रहे हैं, जो अस्पताल में भर्ती होने से पहले ही दम तोड़ रहे हैं. कमोवेश यही हालत न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में है. वहां भी ब्रेन स्ट्रोक के अधिकतर ऐसे मामले आ रहे हैं. जो अस्पताल पर पहुंचने से पहले ही मरीज अपनी दम तोड़ रहा है. फाइब्रिनोजेन हार्मोन के एक्टिव होने से ब्लड क्लॉटिंग बढ़ जाती है और इस कारण हार्ट अटैक के मामले और ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में इजाफा होता है.
इस मौसम में बरतें सावधानी
मौसम में लगातार हो रहे परिवर्तन को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी के इस मौसम में खानपान का विशेष ख्याल रखें.अत्यधिक सर्दी में निकलते वक्त खासकर सुबह और शाम के वक्त दुपहिया वाहनों पर चलते वक्त शरीर को पूरी तरह से ढंककर रखें. ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक के मरीज चिकित्सक से समय-समय पर परामर्श लें. ज्यादा और तला भोजन न करें. हरी सब्जियों का उपयोग करें.
हार्ट अटैक के बढ़ते मामले चिकित्सकों को भी परेशानी में डाले हुए हैं. डॉ रस्तोगी से आग्रह करते हुए कहते हैं कि जरा सा भी लक्षण नजर आए यानी गैस बने, घबराहट हो, कमजोरी लगे, बेचैनी हो या फिर तेज पसीना आये तो बगैर देरी किए पेशेंट को लेकर अस्पताल पहुंचे, ताकि समय पर उन्हें बचाया जा सके. उनका यह भी कहना है कि जो लोग हार्ट, बीपी या शुगर के पेशेंट हैं उन्हें अपने डॉक्टर से इस समय जरूर मिलकर कंसल्ट करना चाहिए, ताकि वो खून पतला करने या ब्लड प्रेशर की दवा का डोज आपकी उपयोगिता के अनुसार कम या ज्यादा कर सके.
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