क्या आप जानते हैं...आग तापना, गर्म पानी से नहाना, भी हार्ट अटैक की वजह बन सकता है. ठंड के मौसम में हार्ट अटैक के मामले सबसे ज्यादा बढ़ जाते हैं. हार्ट अटैक क्यों होता है? इससे बचाव के तरीके क्या है. ये तमाम सवाल आपके मन में अक्सर आते होंगे. इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए हमने रीवा के सुपर अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट से बात की. कार्डियोलॉजी विभाग के HOD डॉक्टर वी. डी. त्रिपाठी (V. D. Tripathi) ने हमें बताया कि हार्ट-अटैक का मतलब होता है? इसका खतरा सबसे ज़्यादा किन लोगों में होता है और इससे बचने के क्या तरीके हैं? ऐसे में आइए हार्ट अटैक से जुड़े तमाम सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं.
जानिए क्या होता है हार्ट अटैक?
हार्ट-अटैक का मतलब होता है हार्ट की नली में ब्लॉक होना. हार्ट अटैक उन्हीं को होता है जिनकी हार्ट की नली ब्लॉक होती है. अब सवाल यही पैदा होता है, हार्ट की नली ब्लॉक क्यों होती है? जिसकी वजह से हार्ट अटैक हो जाता है और आदमी की मौत हो जाती है. आपका हार्ट आखिर है क्या...? हार्ट आदमी के शरीर का एक अंग है, यह मस्कुलर आगर्न है, जो पंप की तरह धड़कता है. आपका हार्ट पूरे शरीर में ब्लड फेंकने का काम करता है. इसके रुक जाने से आदमी के शरीर में ब्लड की सप्लाई बंद हो जाती है. जिसकी वजह से आदमी की मौत हो जाती है. जब नली में ब्लॉक बनने लगते हैं तो आगे चलकर यही ब्लॉक हार्ट अटैक की वजह बनते हैं.
हार्ट में क्यों बनने लगते हैं ब्लॉक?
आखिर ब्लॉक बनते क्यों हैं जिसकी वजह से हार्ट अटैक होता है? बता दें कि आदमी के शरीर में हार्ट वाले हिस्से में ब्लॉक बनते हैं. आमतौर पर 30 से 50 साल के बीच की उम्र वालों को कुछ ज्यादा ही इसको लेकर समस्या होती है. हालांकि आजकल कम उम्र के बच्चे और जवान भी इससे अछूते नहीं है. बहरहाल. सवाल पर वापस आएं तो हार्ट में अलग-अलग लवेल पर ब्लॉक बनते हैं जिसकी सबसे बड़ी वजह होती है हमारी लाइफस्टाइल. जी हां, इसी के साथ डायबिटीज, ब्लड प्रेशर ,स्मोकिंग, तला-भुना हुआ खाना, विटामिन डी की कमी जैसी भी कई वजहें हो सकती हैं. इन तमाम कारणों की वजह से कोलेस्ट्रॉल आदमी के शरीर में बढ़ जाता है और आपका खून गाढ़ा होने लगता है. जिसकी वजह से आदमी के शरीर में हार्ट के हिस्से में ब्लॉक बनते हैं. यही ब्लॉक हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण होते हैं.
अपने हार्ट की देखभाल कैसे करें?
कितने प्रतिशत तक इसको खत्म किया जा सकता है....? आदमी के शरीर में हार्ट के हिस्से में ब्लॉक न हो तो हार्ट अटैक होगा ही नहीं. इसका आसान तरीका है डायबिटीज, बीपी जैसी बीमारियों को काबू करना, तनाव से छुटकारा पाना, अगर जेनेटिक प्रॉब्लम है तो कोलेस्ट्रॉल को काबू करना, अच्छी लाइफस्टाइल, प्रॉपर दवाइयों से 80% तक हार्ट को कॉलेप्स होने से रोका जा सकता है. हार्ट की बीमारी से बचा जा सकता है. ठंड में हार्ट अटैक के पेशेंट ज्यादा क्यों नजर आते हैं?
दिल्ली एमपी में अब ठंड आ चुकी है और लगातार बढ़ रही है. हर साल देखा जाता है, ठंड में हार्ट अटैक के पेशेंट ज्यादा बढ़ जाते हैं. उसकी वजह होती है कि ज्यादातर समय आदमी घर पर रहता है. गर्म कपड़े पहनता है. तला-भुना हुआ खाना कुछ ज्यादा ही खाता है...मेहनत कम करता है जिसकी वजह से खून गाढ़ा होने लगता है और नतीजतन कोलेस्ट्रॉल शरीर में बढ़ जाता है. इसी वजह से हार्ट अटैक के मामले ज्यादा बढ़ जाते हैं. आग तापना, गर्म पानी से नहाना भी हार्ट अटैक की एक वजह होती है.
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ठंड में हर आदमी आग के सामने खड़ा होता है. गर्म पानी से नहाता है. रात को सोते समय रजाई ओढ़ कर सोता है. रात को बाथरूम जाने या अन्य किसी वजह से बिस्तर से निकलते समय एक झटके में बाहर आ जाता है. जिसकी वजह से उसका शरीर का तापमान एक झटके में बदल जाता है. ऐसे में ठंड के मौसम में हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण ये भी होता है. हार्टअटैक रोका जा सकता है. रीवा के सुपर अस्पताल के डॉक्टर वी. डी. त्रिपाठी (V. D. Tripathi) मानते हैं कि अच्छी लाइफस्टाइल, खान-पान पर ध्यान, समय पर दवाई, शुगर, बीपी और कोलेस्ट्रॉल को काबू करके हम 80% तक हार्ट अटैक की बीमारी को रोक सकते हैं.
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