 
                                            Bank Manager Digital Arrest: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में सायबर ठगों द्वारा लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगने के मामलों मे कोई कमीं नहीं आ रही है. लेकिन सरकार, पुलिस और मीडिया द्वारा लोगों को बार-बार जागरूक करने के अच्छे नतीजे आने शुरू हो गए हैं. ग्वालियर में बैंक के रिटायर्ड बैंक मैनेजर को ठगों ने लगभग तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा. लेकिन ठग उनसे एक रुपए की रकम भी नहीं ऐंठ पाए.
बैंककर्मी शुरू में तो बदमाशों के झांसे में आ गए, लेकिन जैसे ही ठगों ने सवाल पूछे तो रिटायर्ड बैंक मैनेजर समझ गए यह ठग हैं. इस मामले की शिकायत पुलिस से भी उन्होंने की है.
पिंटू पार्क के पास समर्थ नगर में रहने वाले देशराज सिंह चौहान एसबीआई के रिटायर्ड बैंक मैनेजर हैं. 27 अक्टूबर की सुबह 11:45 बजे देशराज के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल करने वाले ने खुद को विजय कुमार, पीआरओ दूरसंचार मंत्रालय बताया. उसने कहा कि आपके नाम से जारी सिम से अश्लील मैसेज भेजे है.
2 घंटे में दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने पहुंच जाइये वरना यह मामला आपके लिए गंभीर हो जाएगा. इसके बाद 11:54 बजे आरोही यादव नामक युवती का फोन आया, उसने खुद को एसआई बताया. उसने देशराज का केस डिटेल्स बताईं. देशराज को भरोसे में लेकर केस खत्म कराने की बात कही.
देशराज को डराने के लिए ठगों ने उनसे तीन घंटे में ऑनलाइन इन्वेस्टीगेशन की. उनसे लगातार 100 सवाल किए जिसमें ठग खुद ही फंस गए. देशराज को एफआईआर, सुप्रीम कोर्ट का लेटर और आधार की फर्जी कॉपियां भेजीं. ठगों ने कहा कि मुंबई के केनरा बैंक में उनके आधार नंबर से बैंक अकाउंट खुला है. देशराज ने कहा कि मैंने बैंक में नौकरी की है. अकेले आधार कार्ड से अकाउंट कैसे खुला सकता है? इस पर ठग चुप रहे. देशराज ने कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन की ईमेल आईडी मांगी तो ठग नहीं दे पाए? देशराज ने कहा वो 2007 के बाद मुंबई नहीं गए. ठग के कॉल काटते ही उन्होंने सायबर सेल में शिकायत की. सेल के अधिकारी बोले-अब फोन मत उठाना. यह ठग हैं जो आपको फंसा रहे हैं.
सीएसपी ग्वालियर रोबिन जैन ने बताया कि कोई भी सरकारी या जांच एजेंसी धमकी दें या फिर पैसे की मांग करें तो उस पर भरोसा न करें. अनजान नंबर से वीडियो कॉल आए और अधिकारी बनकर डराए तो समझ जाएं यह ठग है. इनकी शिकायत 1930 या नजदीकी साइबर थाने में शिकायत करें.
9 महीने में 8 घटनाएं
बता दें कि ग्वालियर में बीते 9 माह में डिजिटल अरेस्ट की 8 घटनाएं हो चुकी हैं. मार्च में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदीप्तानंद को साइबर ठगों ने 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा और ₹2.52 करोड़ की ठगी की थी. ठगों ने सीबीआई, ईडी और सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी बनकर आश्रम के सचिव से पैसे ऐंठे थे.
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